वाराणसी/मिर्जामुराद. अंधकार को क्यों धिक्कारें अच्छा हो खुद दीप जलाएं। हमने तो यह ठाना है, खुद का समाज बनाना है। कुछ इसी बुलंद हौसलों के साथ सुनहरे भविष्य के सपनों को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम नागेपुर में लड़कियां स्कूटी चलाना सीख रही है। लोक समिति द्वारा आयोजित किशोरी समर कैंप में नागेपुर और आसपास के गांवों की दर्जनों लड़कियां स्कूटी और बाइक चलाना सीख रही है। बाइक सीख रही प्रियंका का कहना है कि इस समय वह ग्रेजुएशन डिग्री की पढाई कर रही है पढाई पूरी करने के बाद शहर जाकर अच्छी नौकरी करना चाहती है गांव से आने जाने का कोई सार्वजनिक यातायात बस की सुविधा नही है इसलिए वह बाइक चलाकर खुद अपने पैर पर खड़ा होना चाहती हैं। इसी तरह निशा बी एस सी की छात्रा है उनका कहना है कि मै भविष्य में डॉक्टर बनना चाहती है, आगे की पढ़ाई के स्कूटी सीखकर शहर जाना चाहती है।सोनी बानो का कहना है कि बाजार या बाहर जाने के लिए अक्सर परिवार वालों के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है इसलिए बाइक सीखकर आगे का रास्ता अब वह खुद तय करना चाहती है। जीवन में पहली बार बाइक चलाकर आत्मविश्वास से भरे लड़कियों की खुशी का ठिकाना नही था, सभी खुलकर स्कूटी सीखने के बाद सभी अपने अपने भविष्य की योजनाएँ बता रही थी।
लड़कियों को स्कूटी सिखा रहे लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने बताया कि 15 मई से चल रहे किशोरी समर कैंप में करीब 80 लड़कियाँ सिलाई कढ़ाई,ब्यूटीशियन,कम्प्यूटर चलाना,स्पीकिंग इंग्लिश,आदि रोजगार परक कोर्स सीख रही है। यातायात की अच्छी ब्यवस्था नही होने के कारण अक्सर लड़कियां आगे की पढाई, नौकरी करना या बाजार नही जाना चाहती।आज भी गाँवो में लड़कियों को मोटर बाइक चलाना बहुत सम्मान की नजर से नही देखा जाता इसलिए लड़कियों को खुद के वाहन चलाकर बाजार,कालेज,या नौकरी करने जाना एक बड़ी चुनौती है। प्रशिक्षण शिविर में लड़कियों को खुद के पैरो पर खड़ा होकर आत्म निर्भर बनने के लिए मोटर बाइक चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। स्कूटी ट्रेनिंग कार्यक्रम में संगम, संगीता, किरण, निशा, प्रियंका, आरती, गुंजा, निशा पटेल, आदि लड़कियाँ बाइक चलाना सीख रही है। लड़कियों को अमित,रामबचन,सुनील और मनीष ट्रेनिंग दे रहे है। समर कैम्प का 15 जून को समापन किया जायेगा।