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चार साल में कितना बदल गया पीएम नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस

काशी के लोगों को दिखाये गये हैं ऊंचे सपने, जितना दिया गया उतना मिला नहीं

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PM Narendra Modi

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वाराणसी. बीजेपी सरकार अपने कार्यकाल पूरा होने के चार साल के जश्र मनाने में डूबी हुई है। सत्ता पक्ष चार साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड दिखा रहा है तो विरोधी दल सरकार को पूरी तरह फेल बता रहे हैं। सरकार के कार्यकाल का सही आंकलन लोकसभा चुनाव २०१९ में देश की जनता करेगी। हम बात कर रहे हैं पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की है आखिर सवाल उठता है कि यहां के लोगों को चार साल में क्या मिला।
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बनारस को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। बनारस के विकास की बात होती है तो सबसे पहला नाम पूर्व सीएम स्वर्गीय पंडित कमलापति त्रिपाठी का नाम आता है जिन्होंने काशी के विकास के लिए बहुत कुछ किया था उसके बाद लंबे समय तक बनारस विकास की दौड़ में पिछड़ता रहा। केन्द्र में बीजेपी की सरकार थी तो प्रदेश में नहीं थी। प्रदेश में बीजेपी सरकार आयी तो केन्द्र में मौका नहीं मिला। इन्हीं बहानों या विवशता के चलते बनारस का विकास नहीं होने की बात कही गयी। बनारस से बीजेपी के प्रत्याशी चुनाव जितते आये हैं तो अन्य दल क्यों इस शहर का विकास करते। देश की संास्कृतिक राजधानी व दुनिया का सबसे प्राचीनतम शहर उस समय राजनीति गलियारे में सबसे हॉट जिला बन गया जब गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी ने चुनाव लड़ा। चुनाव जीत कर काशी के सांसद देश के पीएम बन गये। इसके बाद सवाल उठा कि देश भर में गुजरात विकास मॉडल की बात करने वाले पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र का कितना विकास किया।
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पीएम नरेन्द्र मोदी ने काशी के विकास के लिए लगभग 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की स्वीकृति दी है। योजनाओं को लेकर जो बाते बतायी जाती है यदि वह सही है तो योजनाओं के पूर्ण होने के बाद बनारस की तस्वीर बदल जायेगी। यह एक सच्चाई हो सकती है लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है। योजनाओं के लिए धन जारी हुआ लेकिन इसका कैसा उपयोग हुआ है इसको लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
आईपीडीएस:- शहर के बड़े हिस्से के बिजली के तारों को भूमिगत करने के लिए आईपीडीएस योजना चलायी जा रही है इससे बिजली चोरी कम होने के साथ शहर की तस्वीर बदल रही है लेकिन योजनाओं में स्थानीय स्तर पर जो भ्रष्टाचार हो रहा है वह योजना के फायदे से अधिक नुकसान को दिखाने लग रहा है। मानक के विपरित ही तार को अंडरगा्रउंड कर दिया गया है जो जलभराव के समय बड़े हादसे का सबब बन सकते हैं।
नमामि गंगे योजना
पीएम नरेन्द्र मोदी ने बनारस में ही कहा था कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है ऐसे में काशी में गंगा कितनी स्वच्छ हुई है इस पर सभी की निगाहे लगी है। काशी के घाट पहले से स्वच्छ हो चुके हैं। गंगा में गंदगी तैरती हुई कम दिखायी पड़ती है इतना तो परिवर्तन हुआ है लेकिन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बनने के चलते आज भी गंगा में प्रतिदिन हजारों लीटर सीवर जल गिर रहा है इसलिए नमामि गंगे अभियान को अधिक लाभ नहीं मिला।
पार्क व कुंड का सुंदरीकरण
काशी के पार्क व कुंड के सुंदरीकरण के लिए धन जारी हो चुका है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने खुद ही दुर्गा मंदिर स्थित कुंड के सुन्दीकरण योजना को लोकार्पाण किया था। बजट जारी होने के बाद भी अन्य कुंड व पार्क की दशा नहीं बदली है। स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते काशी की तस्वीर नहीं बदल रही।
ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर
काशी में 250 करोड़ रुपये से अधिक ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर बनाया गया है इस सेंटर को खुद पीएम मोदी सरकार ने बनवाया है ऐसा सेंटर आस-पास के जिलों में नहीं है इसके बाद भी उसका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है। पीएम मोदी यहां पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां को लेकर गये थे माना जा रहा था कि पूर्वांचल के बनुकरों से लेकर हस्तकला के लिए यह सेंटर मील का पत्थर साबित होगा, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया।
स्वच्छ भारत मिशन
पीएम नरेन्द्र मोदी ने अस्सी घाट पर खुद फावड़ा चला कर स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की थी। बनारस की बात की जाये तो पहले से अधिक सफाई दिखती है लेकिन कूड़ा निस्तारण की ठीक नहीं होने से अभी इस क्षेत्र में बहुत काम करना बाकी है।
काशी नहीं बन पायी क्योटो
देश का पीएम बनने के नरेन्द्र मोदी ने काशी को क्योटो बनाने की बात कही थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब खुद बीजेपी के नेता कहते हैं कि काशी को क्योटो जैसा बनाया जायेगा। क्योटो नहीं।
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