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बनारस में सपा-बसपा की किरकिरी, मुख्यमंत्री दरबार पहुंचा मामला

जानिए क्या है मामला, पढि़ए ये खबर

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Vikas Verma

May 03, 2016

akhlesh yadav and mayawati

akhlesh yadav and mayawati

वाराणसी. विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे राजनीतिक दलों ने अपने पत्ते फेंकने शुरू कर दिए हैं। चुनाव में अभी लंबा समय है और ऐसे में सपा और बसपा ने विधानसभा उम्मीदवारों की सूची जारी करके लगता है आफत मोल ली है। बसपा की ओर से घोषित प्रत्याशी महेंद्र पांडेय को लेकर काशी में चर्चाओं का बाजार पहले से ही गरम था कि एसटीएफ की एक कार्रवाई से समाजवादी पार्टी की तरफ से शिवपुर विधानसभा के लिए घोषित प्रत्याशी अरविंद मौर्य ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है। प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक व उसे साल्व करने वाली गैंग से विस प्रत्याशी के संबंध के बाबत पत्रिका के खुलासे के बाद सपा में अरविंद विरोधी गुट को मौका मिल गया और मामला देखते ही देखते मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंच गया।

गौरतलब है कि दो दिन पहले एसटीएफ ने एआईपीएमटी का पेपर साल्व करने वाली गैंग को सारनाथ इलाके से गिरफ्तार किया था। साल्वर गैंग के पास से जो गाड़ी बरामद हुई, एसटीएफ के मुताबिक वह विस प्रत्याशी अरविंद मौर्य की थी। विस प्रत्याशी का दावा है कि उक्त गाड़ी उन्होंने बेच दी थी लेकिन इस बाबत कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए थे। पत्रिका में न्यूज फ्लैश होते ही समाजवादी पार्टी में सरगर्मी बढ़ गई। जिलाध्यक्ष से लेकर तमाम पदाधिकारियों के फोन घनघनाने लगे। उधर शिवपुर से टिकट की आस में बैठे अन्य सपाई भी सक्रिय हो गए और पूरे मामले को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दरबार में रात को ही पहुंचा दिया। इधर अरविंद खेमा भी अपनी सफाई देने के लिए लखनऊ जाने की तैयारी कर रहा है।

बसपा ने पहले ही दे रखा है दागी को टिकट
मिशन 2017 फतेह करने के लिए राजनीतिक दल दागियों को टिकट देने से पीछे नहीं हट रही है। बनारस में शुरूआत बसपा सुप्रीमो मायावती ने की। देश की सांस्कृतिक व शैक्षणिक राजधानी काशी में बसपा सुप्रीमो मायावती ने सेवापुरी विधानसभा से एनएचआरएम घोटाले में शामिल होने के आरोपी महेंद्र पांडेय को टिकट दिया है। महेंद्र पांडेय के घर, दुकान, गोदाम पर सीबीआई दबिश डाल चुकी है। सूत्रों की माने तो बसपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे कुशवाहा का नाम सीबीआई के सामने नहीं लेने का ईनाम महेंद्र पांडेय को टिकट के रूप में मिला है।

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