जानकारी के अनुसार जिला जेल में बंद राजेश यादव की मौत की सूचना लगते ही बंदियों ने मोर्चा खोल दिया। वो हंगामा करने लगे। उन्होंने जिला कारागार में दुर्व्यवस्था का आरोप भी लगाया। जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 54 वर्षीय बंदी राजेश यादव को दिल का दौरा पड़ा था। जेल अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे कबीरचौरा स्थित शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। बंदी राजेश को कबीरचौरा ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। इसकी सूचना जैसे ही जिला जेल के बंदियों को हुई वो हंगामा करने लगे। उन्होंने जेल अस्पताल सहित अन्य स्थानों पर तोड़फोड़ शुरू कर दिया। पहले तो जेल प्रशासन ने जेल पुलिस की मदद से हालात पर काबू पाने की कोशिश की पर बात बनती न देख कमिश्नरेट की पुलिस को सूचना दी। कमिश्नरेट पुलिस और जेल प्रशासन के अनुसार स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से हंगामा करने वालों की शिनाख्त की जा रही है। सभी हंगामा करने वाले बंदियों के विरुद्ध जल्द ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
उधर बंदियों का कहना था कि जेल प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही की वजह से बंदी की मौत हुई है। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।