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आखिर कौन सी है वह पार्टी, जिनसे क्षत्रिय बाहुबली राजा भैया कर सकते हैं गठबंधन

पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक करने के बाद बदल गयी कहानी, जानिए लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बदल रहे समीकरण

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Raja Bhaiya

Raja Bhaiya

वाराणसी. देश की राजनीति में लगातार परिवर्तन की बयार बह रही है। यूपी में सबसे पहले अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन ने धमाका किया था उसके बाद प्रियंका गांधी की एंट्री ने माहौल बदला था। अब पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर हुए एयर स्ट्राइक ने सभी समीकरण को बदल लिया है। चुनाव की नयी कहानी से शिवपाल यादव व बाहुबली राजा भैया की परेशानी बढ़ गयी है जिन्होंने नये दल बनाये हैं और लोकसभा चुनाव2019 लडऩे का ऐलान किया है।
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कुंडा के क्षत्रिय बाहुबली राजा भैया ने जनसत्ता पार्टी बनायी है पहले तो राजा भैया ने यूपी की सभी 80 संसदीय सीट पर चुनाव लडऩे की बात कही थी लेकिन अब अन्य दलों से गठबंधन करने के संकेत दिये हैं। राजा भैया ने खुल कर नहीं कहा है कि वह किस दल के साथ जायेंगे। राजा भैया ने इतना ही कहा कि समान विचारधारा वाले दल के साथ उनकी पार्टी गठबंधन कर सकती है। राजा भैया के पास अब अधिक विकल्प नहीं बचा है। एक तरफ अखिलेश यादव व मायावती का गठबंधन होगा तो दूसरी तरफ पीएम नरेन्द्र मोदी, अमित शाह व राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के नेतृत्व में बीजेपी व कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। इन दिग्गज पार्टियों के चलते राजा भैया के प्रत्याशियों को बेहद खास प्रदर्शन करना होगा। तभी वह चुनाव जीत सकते हैं। ऐसे में राजा भैया ने गठबंधन का विकल्प खोज कर पार्टी को ताकत देने में जुटे हैं।
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शिवपाल यादव
राजा भैया की मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव से नजदीकी किसी से छिपी नहीं है। शिवपाल यादव के नयी पार्टी बनाने के बाद से राजा भैया के पास शिवपाल यादव के साथ जाने का विकल्प बचा हुआ है। राजा भैया व शिवपाल यादव के बीच गठबंधन हो जाता है तो दोनों ही दलों को इसका लाभ मिलेगा।
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कांग्रेस भी बन सकती है विकल्प
राजा भैया के लिए कांग्रेस भी विकल्प बन सकती है। पूर्वी यूपी की कमान प्रियंका गांधी को मिल चुकी है। यूपी में कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब है। पार्टी की खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए सपा व बसपा गठबंधन ने दो सीट दी थी। कांग्रेस व राजा भैया के बीच गठबंधन से इंकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस को यूपी में एक कद्दावर नेता की जरूरत है जो कांग्रेस के लिए वोट दिला सके। जबकि राजा भैया को ऐसे दल की जरूरत है जिसका खुद का अपना कैडर वोट हो।
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महागठबंधन में जाना कठिन, बीजेपी से नहीं मिल पायेगी सीट
मायावती व राजा भैया की राजनीतिक अदावत किसी से छिपी नहीं है। प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर मायावती ने अपना प्रत्याशी उतराने की तैयारी की है। राजा भैया व मायावती में गठबंधन होने की संभावना नहीं है। राजा भैया के सीएम योगी आदित्यनाथ से अच्छे संबंध है फिर भी बीजेपी के साथ राजा भैया का जाना कठिन है यदि राजा भैया व बीजेपी में गठबंधन हो भी जाता है तो अधिक सीट नहीं मिलने वाली है। यूपी में पहले ही बीजेपी का अनुप्रिया पटेल व ओमप्रकाश राजभर से गठबंधन है इसलिए राजा भैया व बीजेपी का गठबंधन होना कठिन है।
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