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आईआईटी बीएचयू सुधारेगा सड़कों की गुणवत्ता, बनेगी सड़क अनुसंधान प्रयोगशाला, IIT BHU और GRIL में हुआ करार

locationवाराणसीPublished: Jun 12, 2021 08:49:30 pm

आईआईटी बीएचयू में सड़़कोंं की गुणवत्ता सुधारने और उनकी लागत कम करने समेत तकनीकों पर शोध के लिये सड़क अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित होगी। इस प्रयोगशाला के लिये आईआईटी बीएचयू और जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट के बीच करार हआ है।

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आईआईटी बीएचयू में बनेगी सड़क अनुसंधान प्रयोगशाला

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

वाराणसी. आईआईटी बीएचयू अब भारत की सड़कों को सेहतमंद बनाने की दिशा में भी काम करेंगे करेंगे। इस बात के लिये शोध किया जाएगा कि पर्यावरण का खयाल रखते हुए ऐसी सड़कें बनाई जाएं जिनकी गुणवत्ता पहले से कहीं ज्यादा हो, लेकिन इनपर आने वाला खर्च कम हो। इसके लिये आईआईटी बीएचयू और जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट लिमिटेड (जीआरआईएल) के बीएच एक समझौता भी हुआ है। दोनों मिलकर सड़कों की गुावत्ता सुधार के लिये काम करेंगें इसके लिये सड़क अनुसंधान प्रयोगशाला भी स्थापित की जाएगी।

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केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, यूपी के उपमुख्यमंत्री और लोक निर्माण विभाग मंत्री केशव प्रसाद मौर्य और यूपी के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की मौजूदगी में आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर प्रो. प्रमोद कुमार जैन और जआआईएल के अध्यक्ष विनोद कुमार अग्रवाल के बीच एमओयू साइन किया गया।


केन्द्रीय मंत्री बोले सड़क निर्माण में महत्वपूर्ण कदम

इस अवसर पर माननीय केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने इस उपलब्धि पर आईआईटी (बीएचयू) और ग्रिल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि क्वालिटी को कम किये बगैर सड़कों की गुणवत्ता को सुधारना जाए, साथ ही पर्यावरण संरक्षण को भी मदद मिले यही हमारा प्रमुख लक्ष्य है। ग्रिल जैसी निजी सेक्टर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का इस विषय पर साथ काम करना बेहद गर्व की बात है। नए शोधों से यह संभव हो पाएगा। साॅलिड वेस्ट मैटैरियल का सड़क निर्माण में उपयोग बेहद महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आईआईटी के शोधकर्ताओं का आह्वान किया कि सड़क और पुलों के निर्माण में स्टील और सीमेंट का उपयोग कम करने के लिए शोध आवश्यक है। डिप्टी सीएम श्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि यह एमओयू सड़क निर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने और खर्चों को कम करने के लिए बेहद परिणामकारी होगा।

 

एमओयू की खास बातें

आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन के अनुसार यह समझौता ज्ञापन 5 साल के लिये किया गया है। संस्थान के शिक्षाविद और देश के अन्य एक्सपर्ट राजमार्ग सुरक्षा विकास परियोजना के तहत सड़क सुरक्षा, पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों से संबंधित अध्ययन करेंगे। देश में टिकाउ और पर्यावरण के अनुकूल सड़कों के निर्माण के लिये रिसर्च इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य होगा। इसमें बिटुमिनस (डामरी) मिक्स की रिसाइक्लिंग, भारतीय सड़कों के लिए मैकेनिस्टिक फुटपाथ डिजाइन और साॅलिड वेस्ट मैटेरियल्स से पेवमेंट बनाने पर शोध, बिटुमिनस मिक्स के लिए पर्फार्मेंस बेस्ड मिक्स डिजाइन का विकास करना प्रमुख लक्ष्य रहेगा। उन्होंने बताया इस प्रोजेक्ट को संस्थान में लाने में सिविल इंजीनियरिंग के अस्सिटेंट प्रोफेसर डाॅ निखिल साबू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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