15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में चार माह में मिलता है वेतन, सालो काम करने के बाद भी नहीं हुए नियमित

मानदेय पर काम करते है दर्जनों कर्मचारी, जानिए क्या है कहानी

2 min read
Google source verification
सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में चार माह में मिलता है वेतन

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में चार माह में मिलता है वेतन

वाराणसी. सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में जब सभी ने मोर्चा खोल दिया तो अस्थायी कर्मचारी भी कहा मानने वाले थे। अस्थायी कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सालों से वह विश्वविद्यालय की सेवा कर रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें नियमित नहीं किय गया है। इसके अतिरिक्त चार माह में उन्हें वेतन दिया जाता है और भविष्य निधि भी समय से नहीं जमा होता।
यह भी पढ़े:-बीएचयू बवाल के बाद सम्पूर्णानंद विश्वविद्यालय में नियुक्ति को लेकर घमासान


परिसर का केन्द्रीय कार्यालय में शिक्षक, कर्मचारी पर छात्र धरना दे रहे थे तो दूर खड़े अस्थायी कर्मचारी अपनी बेबसी की कहानी सुना रहे थे। अस्थायी कर्मचारी जानते हैं कि वह आंदोलन करते हैं तो उनकी नौकरी जा सकती है इसलिए वह सामने आये बिना ही अपना दर्द बया किया। अस्थायी कर्मचारियों ने कहा कि परिसर में उनकी संख्या ५० से अधिक है वह कुलपति आवास से लेकर विभिन्न विभागों में काम करते हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि जब उन्हें अस्थायी नौकरी पर रखा गया था तो कहा गया था कि एक निश्चित पैसा दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त पीएफ की कटौती होगी। साथ ही महंगाई भत्ता भी दिया जायेगा। कर्मचारियों का आरोप है कि अभी तक उन्हें महंगाई भत्ता नहीं दिया गया है। एक निश्चित वेतन ही मिलता है जो चार माह में एक बार आता है।
यह भी पढ़े:-महिला आयोग ने भी माना छात्राओं से मिलते BHU वीसी तो नहीं बिगड़ते हालात

जल्द नहीं मिला वेतन तो कैसे मनायेंगे दीपावली
अस्थायी कर्मचारियों का कहना है कि दीपावली आने वाली है और अभी वेतन नहीं मिला तो हम लोगों को पर्व खराब हो जायेगा। अस्थायी कर्मचारियों का आरोप है कि उनका पीएफ तो काट लिया जाता है, लेकिन उसे जमा करने में काफी हीलाहवाली की जाती है। अस्थायी कर्मचारियों ने कहा कि अन्य लोग सातवे वेतन आयोग के लिए आंदोलन कर रहे हैं और हम लोग अपने मूल वेतन की लड़ाई में जुटे हुए हैं।
यह भी पढ़े:-काशी की है अनोखी परम्परा, आकाशदीप जला कर करते हैं शहीदों का नमन