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गजबः निर्वाचन ड्यूटी में लगी SST भ्रष्टाचार में नपी, पूर्वांचल के दो माफिया के नाम पर धमका कर रुपये जब्त करने का आरोप, सात जेल भेजे गए

यूपी में चुनाव अपने चरम पर है। हर जिले में स्टेटिक सर्विलांस टीम (एसएसटी) का गठन किया गया है। टीम पर आदर्श आचार संहिता का पालन कराने की बड़ी जिम्मेदारी है। लेकिन वाराणसी में ये टीम ही माफिया के नाम पर व्यापारियों का दोहन करने में जुट गई। इसकी खुलासा होने पर टीम के सात सदस्यों को निलंबित करते हुए, गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

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वाराणसी में फर्जीवाड़ा में फंसी एसएसटी

वाराणसी में फर्जीवाड़ा में फंसी एसएसटी

वाराणसी. केंद्रीय निर्वाचन आयोग स्तर से यूपी विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी किए करीब महीना भर होने को है। अधिसूचना जारी होने के बाद हर जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से तमाम टीमें बनाई गई हैं। इसमें विधानसभावार आदर्श आचार संहिता का पालन कराने के लिए स्टेटिक सर्विलांस टीम (एसएसटी) का गठन किया गया है लेकिन वाराणसी में इस टीम पर ही माफिया मोख्तार अंसारी और अतीक अहमद के नाम पर व्यापारियों व आमजन के उत्पीड़न का मामला सामने आया है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने टीम के सभी सात सदस्यों को न केवल निलंबित कर दिया बल्कि सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

साढे चार लाख रुपये हड़पने का है आरोप

बताया जा रहा है कि वाराणसी के सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र की एसएसटी ने भदोही के एक व्यापारी से चार लाख रुपये जब्त किया। व्यापारी से इतनी बड़ी रकम जब्त करने वाली टीम में सीडीपीओ, राजातालाब थाने के एसआई तक शामिल हैं। इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

कत्था व्यवसायी से जब्त किया था साढे चार लाख रुपये
चुनाव ड्यूटी में लगी एसएसटी वाराणसी के जंसा के कतवारूपुर में कत्था कारोबारी से जांच के नाम पर साढ़े चार लाख रुपये जब्त किए थे। लेकिन ये जब्त धनराशि आयकर विभाग में जमा नहीं की गई। ऐसे में टीम में शामिल अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार लोगों में बाल विकास विभाग के सीडीपीओ (मजिस्ट्रेट), दरोगा समेत कुल सात लोग शामिल हैं। इनमें चार पुलिसकर्मी भी हैं। इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर ने सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को पत्र भेजा है। साथ ही सेवापुरी विधानसभा के लिए नई स्टैटिक सर्विलांस टीम गठित की गई है।

ऐसे वसूली गई धनराशि

जानकारी के अनुसार भदोही के अहमदगंज स्थित आनंदनगर निवासी वीर चौरसिया सात फरवरी को अपने दोस्त उमेश यादव के साथ कारोबार के सिलसिले में साढ़े आठ लाख नकदी लेकर बाइक से वाराणसी आ रहे थे। इसी बीच जंसा थाना क्षेत्र के कतवारूपुर के पास एसएसटी की चेकिंग देख कर कत्था कारोबारी वीर चौरसिया बाइक से उतरकर पैदल ही आगे बढ़ने लगे। इस पर एसएसटी में शामिल मजिस्ट्रेट, दरोगा और पुलिसकर्मियों ने शक होने पर व्यवसायी को रोककर तलाशी ली तो उसके पास से बड़ी मात्रा में नकदी मिली। इतनी बड़ी धनराशि के बाबत पूछताछ करने पर व्यापारी साढ़े आठ लाख में से साढ़े चार लाख का ब्योरा नहीं दे सका। इस पर टीम में शामिल सभी लोगों ने साढ़े चार लाख रुपये आयकर विभाग में जमा कराने के नाम पर कब्जे में ले लिए।

व्यवसायी से ली धनराशि आयकर विभाग को नहीं दी
स्टेटिक सर्विलांस टीम ने व्यासायी के पास मिली रकम को जब्त तो कर लिया पर रुपये आयकर विभाग में जमा न कराकर अपने पास ही रख लिया। इस पर व्यवयासी ने जंसा पुलिस से इसकी शिकायत की। शिकायत के आधार पर हुई जांच में एसएसटी की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा ने एडीएम सिटी व अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को जांच सौंपी। मंगलवार की रात सारे खेल का खुलासा होने पर मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई की गई।

जब्त धनराशि की नहीं मिली रसीद तो गहराया शक
इस प्रकरण में व्यवसायी चौरसिया का कहना है कि उससे कहा गया था कि आयकर विभाग में उचित जवाब देकर रकम वापस ले लेना। इस पूरी कार्रवाई की कोई रसीद भी नहीं मिली तो उसे संदेह हुआ। संदेह उस वक्त ज्यादा बढ़ गया जब आयकर विभाग से उसे कोई सूचना नहीं मिली। ऐसे में उसने अगले दिन जंसा थाने जाकर शिकायत की जिसके बाद जंसा पुलिस ने जिला मजिस्ट्रेट और ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को मामले की जानकारी दी।

एडीएम सिटी, एडीसीपी की जांच में हुआ खुलासा
एडीएम सिटी और एडिशनल एसपी की संयुक्त टीम से प्रकरण की जांच के बाद स्टैटिक सर्विलांस टीम में शामिल मजिस्ट्रेट बाल विकास विभाग का सीडीपीओ मुकेश सिंह कुशवाहा, दरोगा विद्यार्थी सिंह और हेड कांस्टेबल जटाशंकर पांडेय, कांस्टेबल अमित सिंह यादव, कांस्टेबल संजय कुमार, कांस्टेबल उदय प्रताप सिंह, वीडियोग्राफर सौरभ सेठ और ड्राइवर गोरख यादव को तत्काल निलंबित कर दिया गया। इसमें सात की गिरफ्तारी तो हो गई हैं, जबकि उदय प्रताप सिंह की गिरफ्तारी अभी नहीं हो पाई है।

ये हुए गिरफ्तार
स्टैटिक टीम द्वारा व्यापारी से जो 4.5 लाख रुपये कब्जे में लिया गया था, नियमानुसार सीज की कार्यवाही करते हुए आयकर विभाग में जमा कराया जाना था, लेकिन टीम ने उसे अपने पास ही रख लिया। घटना के क्रम में जंसा पुलिस द्वारा टीम के मजिस्ट्रेट सहित सभी सदस्यों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उनको गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में पेश किया जाएगा। -कौशल राज शर्मा, जिला निर्वाचन अधिकारी

"स्टैटिक टीम में नियुक्त पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच भी कराई जा रही है। टीम में शामिल कांस्टेबल उदय प्रताप सिंह के गैरहाजिर होने के कारण निलंबित किया गया है और एसएसटी मजिस्ट्रेट के संबंध में आवश्यक कार्यवाही के लिए जिला मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट भेजी गई है।" -अमित वर्मा, एसपी ग्रामीण

मोख्तार और अतीक के नाम पर उत्पीड़न का आरोप
साढ़े चार लाख रुपये की वसूली के बाबत व्यवसायी चौरसिया का कहना है कि एसएसटी ने जब उसे रुपयों संग पकड़ा तो उसने बताया कि ये पैसे उसने बहन की शादी के लिए जुटाए थे। इस पर टीम के सदस्यों ने मुझ पर मोख्तार अंसारी और अतीक अहमद का आदमी बता कर उत्पीड़न शुरू कर दिया। कहा कि मोख्तार और अतीक के लिए ही ये पैसे ले कर जा रहे हो। व्यवयासी का कहना है कि उसने सच बताने की पूरी कोशिश की पर किसी ने एक न सुनी। यहां तक वीडियोग्राफर और एक सिपाही ने भी अपना हिस्सा मांगा। लाख समझाने के बाद भी नहीं माने तो उन दोनों को भी 12 हजार रुपये देने पड़े।