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शनिश्चरी अमावस्या: इस साल बन रहा अद्भुत संयोग, ऐसे करे शनि देव का व्रत, होगा लाभ

इस साल इतनी शनिश्चरी अमावस्या का योग

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Shanichari Amavasya

Shanichari Amavasya

वाराणसी. नया साल यानि 2019 की पहली शनिश्चरी अमावस्या पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पड़ रही है। जो बहुत ही शुभ होता है। शनिश्चरी अमावस्या से शनि की पीड़ा से राहत मिलती है। इस साल कुल तीन शनिश्चरी अमावस्या का योग है। इसे सूर्यदेव और देवी छाया के पुत्र भगवान शनि के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस उत्सव को शनि जयंती भी कहा जाता है। इस बार यह 5 जनवरी को मनाई जाएगी।


हनुमान जी ने शनि देव को रावण की कैद से कराया था मुक्त
श्री शनि, शनि ग्रह को नियंत्रित करते हैं और इनकी मुख्यतया शनिवार के दिन पूजा व अर्चना की जाती है। श्री शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। श्री हनुमान जी ने रावण की कैद से शनिदेव को मुक्त कराया था, इसलिए शनिदेव के कथनानुसार, जो भी भक्त श्री हनुमंत लाल की पूजा करते हैं, वे भक्त शनि देव के अति प्रिय और कृपा पात्र होते हैं। अतः शनिदेव के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा का भी विधान माना गया है।


इस साल तीन शनिश्चरी अमावस्या का योग
नए वर्ष में तीन शनिश्चरी अमावस्या का विशेष योग बन रहा है। 5 जनवरी, पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है। दूसरी शनिश्चरी अमावस्या शनिवार 4 मई वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की है, तीसरी शनिश्चरी अमावस्या शनिवार 28 सितंबर अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन है। ज्योतिष शास्त्रानुसार शनि को प्रसन्न करने के लिए विशेष प्रयोगों में शनिश्चरी अमावस्या को शनि की पूजा-अर्चना, साधना के लिए महत्वपूर्ण माना है। साल की पहली अमावस्या होने से श्रद्धालु मंदिरों में ज्यादा संख्या में पहुंचेंगे और तेल व कचौरी के साथ काला कपड़ा भी चढ़ाएंगे।