
Akhilesh Yadav and Shivpal Yadav
वाराणसी. शिवपाल यादव की सूची लगातार बढ़ती जा रही है। समाजवादी सेक्युलर मोर्चा में लगातार सपा नेताओं का शामिल होना जारी है। शिवपाल यादव ने उन नेताओं को भी तोडऩे की तैयारी की है जो मुलायम सिंह यादव के बेहद खास माने जाते थे। सपा, बसपा व कांग्रेस का महागठबंधन होने के बाद सपा नेताओं का टिकट कटना तय है और नाराज नेताओं के लिए सबसे अच्छा ठिकाना सेक्युलर मोर्चा ही बनने वाला है।
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यूपी की राजनीति का रास्ता पूर्वांचल से होकर जाता है। शिवपाल यादव यह बात अच्छी तरह से जानते हैं। शिवपाल यादव ने पूर्वांचल से ही पार्टी की ताकत बढ़ानी शुरू की है। बनारस में सम्मेलन तक का आयोजन कर सैकड़ों सपा नेताओं को मोर्चा से जोड़ा जा चुका है। शिवपाल यादव को लेकर अभी तक अखिलेश यादव ने सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन जिस तरह से सपा नेता शिवपाल यादव के मोर्चा से जुड़ रहे हैं उससे सपा में खलबली मची हुई है। हाल में ही शिवपाल यादव ने 30 जिलाध्यक्षों की सूची जारी की थी जिसमे सपा नेताओं को बड़ा पद देकर मोर्चा में शामिल किया गया है। इसमे मऊ में विजय शंकर यादव, जौनपुर में प्रभानंद यादव, गोरखपुर में राम मिलन यादव, मिर्जापुर में श्यामा नारायण यादव, देवरिया में गिरेन्द्र यादव, बलिया में दिनेश यादव, आजमगढ़ में राम प्यारे यादव, जौनपुर में प्रभानंद यादव के साथ बनारस का मंडल प्रभारी देवेन्द्र सिंह व इलाहाबाद का लल्लन राय को बनाया गया है। शिवपाल यादव के निशाने पर मुस्लिम व यादव वोटर हैं जिसके चलते उनसे जुड़े नेताओं का खास ध्यान रखा जा रहा है।
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सपा के वोट बैंक में लगातार हो रही सेंधमारी
अखिलेश यादव व मायावती ने अपने वोट बैंक में बीजेपी की सेंधमारी रोकने के लिए राहुल गांधी के साथ महागठबंधन बनाने की बात कही है लेकिन शिवपाल यादव ने अलग मोर्चा बना कर महागठबंधन की मुहिम को तगड़ा झटका दिया है। शिवपाल यादव ने साफ कर दिया है कि यूपी की 80 सीटों पर उनके प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। शिवपाल यादव के प्रत्याशी चुनाव जीतते हैं या हारते हैं यह तो समय ही बतायेगा। इतना साफ हो गया है कि शिवपाल यादव के मोर्चा को जितने भी वोट मिलेंगे वह सपा के होंगे। इससे सपा की ताकत कमजोर होगी और सबसे अधिक फायदा मायावती व पीएम नरेन्द्र मोदी को होगा।
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Published on:
02 Oct 2018 11:56 am
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