
Seema Devi
वाराणसी. भागदौड़ भारी जिंदगी में लोगों के पास समय की कमी रहती है। अक्सर यह भी देखा जाता है कि एक ही शहर में रहने वाले मिल तक नहीं पाते हैं, लेकिन कुछ रिश्तों की डोर ऐसी होती है, जो परिस्थिति व दूरी से भी परे होती है। सेंट्रल जेल में अपनी गुनाहों की सजा काट रहे कैदियों के लिए भी यह दिन खास हो जाता है क्योंकि सैकड़ों किलोमीटर दूरी तय करके बहन अपने भाई को राखी बांधने जाती है। भाई भले ही जेल से रक्षा का आश्वासन भर ही दे सकता है। फिर भी बहनों ने साबित किया है कि रिश्ते की डोर परिस्थितियों से ज्यादा मजबूत होती है।
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सेंट्रल जेल में में सुबह से ही बहनों की लाइन लग गयी थी। बहनों के चेहरे पर भाई से मिलने की खुशी झलक रही थी। राखी के साथ मिठाई, फल व खाने-पीने की अन्य चीजे लेकर पहुंची थी। महिलाओं के पास इतना अधिक समान हो गया था कि जेल में ले जाना संभव नहीं था। सुरक्षाकर्मियों ने तय मात्रा के अनुसार ही सारा सामान जाने दिया। जेल में जाने से पहले सारी चीजों की तलाशी ली गयी। पटना से आयी सीमा देवी ने बताया कि उनका भाई 16 साल से जेल में बंद है और अपने भाई को राखी बांधने पटना से आयी है। सीमा देवी ने यह नहीं बताया कि उनका भाई किस जुर्म में जेल में बंद है लेकिन इतना अवश्य कहा कि हम भगवान से दुआ मांगते हैं कि यहां पर बंद सभी भाई जल्द से जल्द रिहा हो जाये। सीमा की तरह मीना देवी, भदोही, राधा, चंदौली आदि की कहानी है। उनका भाई भी जेल में सालों से बंद है इसके बाद भी रक्षा बंधन के दिन जेल में आकर राखी बांधना नहीं भूलती है। कैमरा के सामने इन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार किया था लेकिन कैमरा हटाते ही कहा कि रक्षाबंधन के दिन एक बहन अपने भाई को कैसे भूल सकती है इसलिए हम लोग यहां पर प्रत्येक साल आकर अपने भाई को राखी अवश्य बांधते हैं।
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Published on:
15 Aug 2019 05:08 pm
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