
Bharat Milap, Varanasi
Varanasi: भरत मिलाप के दौरान भगदड़ मच गयी। वाराणसी के नाटी इमली के मेले भगदड़ मच गयी। भगदड़ के बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि मेले में पुष्पक विमान के साथ पहुंचे यादव बंधुओं को पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद दोनों के बीच खींचातानी शुरू हो गयी।
वाराणसी के नाटी इमली मैदान में प्रसिद्ध भरत मिलाप मेले में लाखों लोगों की भीड़ के कारण अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। यह मेला, जो प्रसिद्ध लक्खा मेले का हिस्सा है।मेले में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। व्यवस्था बहाल करने के लिए, पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिससे स्थिति सफलतापूर्वक नियंत्रण में आ गई।
लाठी चलाने की घटना को लेकर पुलिस ने सोशल मीडिया पर सफाई दी है। ट्वीटर यूजर के पोस्ट पर DCP Varanasi के ट्वीटर हैंडल से लिखा गया कि नाटी इमली भरत मिलाप में रथ का प्रवेश यादव बंधुओं द्वारा किया जाता है। इस दौरान प्रवेश द्वार पर रथ के आगे कुछ महिलाएं और बच्चे आ गए जिसे बचाने के लिए पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वाराणसी उत्तरी के विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में स्टाम्प व न्यायालय शुल्क तथा पंजीयन विभाग के स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री रविंद्र जयसवाल के बेटे से पुलिस की बहस हो गई। इसके बाद भीड़ बेकाबू हो गयी और भगदड़ में कई लोग दब गए।
बताया जा रहा है कि भरत मिलाप में पुष्पक विमान लेकर पहुंचे यादव बंधुओं को पुलिस ने रोक लिया। पुलिस ने पुष्पक विमान के साथ के लोगों को बस बैरिकेडिंग के अंदर जाने की अनुमति दी। बाकी के सैकड़ों यादव बंधु इससे नाराज हो गए जिसके चलते उनकी पुलिस के बहस होनी शुरू हो गयी।
दशहरे के एक दिन बाद धर्मनगरी काशी में होने वाला 'भरत मिलाप' विश्व प्रसिद्ध है। 'भरत मिलाप' की लीला मात्र पांच मिनट की होती है, लेकिन इसकी भव्यता बहुत होती है। रविवार को आयोजित हुए इस ऐतिहासिक 'भरत मिलाप' कार्यक्रम में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद रही।
काशी में 'भरत मिलाप' का आयोजन 481 वर्षों से लगातार चलता आ रहा है। हर साल की भांति इस साल भी 'भरत मिलाप' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें भक्तों की बहुत अधिक संख्या मौजूद रही। ऐसी मान्यता है कि यहां पर 'भरत मिलाप' कार्यक्रम में राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न साक्षात दर्शन देते हैं।
वाराणसी के नाटी इमली में 'भरत मिलाप' का कार्यक्रम आयोजित होता है। यहां जिस चबूतरे पर राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का मिलन होता है, वहां पर एक तय समय पर सूरज की किरणें पड़ती हैं। इस खास समय पर चारों भाई एक-दूसरे की तरफ दौड़ते हैं और उनको गले लगाते हैं। ये बहुत ही भव्य दृश्य होता, जिसको देखकर वहां पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो जाती हैं।
इस अवसर पर काशी राज परिवार के कुवंर अनंत नारायण सिंह भी मौजूद हुए। उन्होंने हाथी पर सवार होकर इलाके का भ्रमण किया। कार्यक्रम के दौरान भगवान के रथ को वहां के स्थानीय लोग खींचते हैं। वाराणसी के यदुवंशी इस कार्यक्रम के लिए बेसब्री से इंतजार करते हैं। वो आंखों में सूरमा लगाकर माथे पर लाल रंग की पगड़ी बांधते हैं। सफेद रंग की धोती पहने ये लोग भगवान के रथ को मजबूती से सहारा देते हैं। इस दौरान ढोल-नगाड़ों और डमरू वादन से पूरा इलाका गूंजता है।
Updated on:
13 Oct 2024 07:59 pm
Published on:
13 Oct 2024 07:05 pm
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