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15 को काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के ईशान कोण में स्थापित होगी मां अन्नपूर्णा की मूर्ति, रथ यात्रा से होगा भव्य स्वागत

Statue of Mother Annapurna Stolen Will Reach Varanasi on 15 November- 13 नवंबर को मां अन्नपूर्णा की मूर्ति लखनऊ पहुंचेगी। 13 को विभिन्न जिलों से रथ यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा को यादगार बनाने के लिए विभिन्न स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं व श्रद्धालुओं द्वारा पुष्प वर्षा की जाएगी। पंडितों द्वारा मंत्र उच्चारण व आरती करते हुए प्रसाद वितरण किया जाएगा। यात्रा लखनऊ से बाराबंकी होते हुए अयोध्या जाएगी।

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Statue of Mother Annapurna Stolen Will Reach Varanasi on 15 November

Statue of Mother Annapurna Stolen Will Reach Varanasi on 15 November

वाराणसी. Statue of Mother Annapurna Stolen Will Reach Varanasi on 15 November. 100 वर्ष पहले मां अन्नपूर्णा की मूर्ति (Mother Annapurna Statue)वाराणसी से चोरी होकर कनाडा भेजी चली गई थी। अब वह मूर्ति वापस आ गई है और जल्द ही वाराणसी भेजी जाएगी। मां अन्नपूर्णा की मूर्ति सड़क मार्ग से दिल्ली पहुंच चुकी है। 11 नवंबर को एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी इस मूर्ति को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपेंगे। 13 नवंबर को यह मूर्ति लखनऊ पहुंचेगी। 13 को विभिन्न जिलों से रथ यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा को यादगार बनाने के लिए विभिन्न स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं व श्रद्धालुओं द्वारा पुष्प वर्षा की जाएगी। पंडितों द्वारा मंत्र उच्चारण व आरती करते हुए प्रसाद वितरण किया जाएगा। यात्रा लखनऊ से बाराबंकी होते हुए अयोध्या जाएगी। अयोध्या में रात को ठहरने के बाद सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर से होकर 14 नवंबर को वाराणसी पहुंचेगी। 15 नवंबर को एकादशी के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया जाएगा। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के ईशान कोण में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति स्थापित की जाएगी।

विभिन्न मार्ग पर स्वागत

रथ यात्रा के लखनऊ में आने के बाद सरोजनी नगर थाने के समीप स्वागत किया जाएगा। उसके बाद एयरपोर्ट, कृष्णा नगर, मेट्रो स्टेशन के समीप, अवध चौराहे पर, आलमबाग चौराहे पर मौनी बाबा मंदिर पर, मवैया चौराहे पर, चारबाग बर्लिंगटन चौराहा, विधानसभा के समीप, हजरतगंज चौराहे पर हनुमान मंदिर, राजीव चौक, लोहिया पथ पर 1090 चौराहा, समतामूलक, लोहिया पार्क, पॉलिटेक्निक चौराहा, कमता चौराहा और चिनहट चौराहे पर स्वागत होगा।

काशी में है यह मान्यता

भगवान शिव की नगरी काशी को अन्न क्षेत्र कहा जाता है। मान्यता है कि काशी में मां पार्वती मां अन्नपूर्णा के रूप में विराजमान हैं और उन्होंने खुद बाबा भोले को भिक्षा दी थी। इसलिए काशी में मां अन्नपूर्णा का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि भिक्षा के बाद ही वरदान मिला है कि काशी से कोई भी भूखा नहीं सो सकता क्योंकि उसका पेट खुद मां अन्नपूर्णा भरती हैं।

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