12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लोकसभा के पहले छात्रसंघ चुनाव में कुर्सी पर कब्जा जमाने की मची होड़

पानी की तरह बहा रहे पैसा, जीत मिलने पर संगठन का बढ़ेगा कद

2 min read
Google source verification
Student Election

Student Election

वाराणसी. लोकसभा से पहले छात्रसंघ चुनाव में कुर्सी पर कब्जा जमाने की होड़ मच गयी है। छात्रनेता के चुनाव प्रचार सामग्री से शहर के प्रमुख चौराहे पटने लगे हैं। किसी विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की घोषणा नहीं हुई है इसके बाद भी संभावित प्रत्याशी पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं।
यह भी पढ़े:-यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने एक साथ उतरी कई थानों की पुलिस, मचा हड़कंप



लोकसभा व छात्रसंघ चुनाव में कोई समानता नहीं है लेकिन राजनीतिक पार्टियों के छात्र संगठन के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण होता है। युवाओं को अपने साथ जोडऩे में लगे राजनीतिक दलों का इन चुनाव से अपने पक्ष में माहौल बनाने का मौका मिलता है। जिस पार्टी की सरकार होती है उस दल का छात्र संगठन किसी भी हाल में छात्रसंघ पर अपना कब्जा जमाना चाहता है। बीजेपी के एबीवीपी, सपा के छात्रसभा व कांग्रेस के राछास में मुख्य लड़ाई होती है। कांग्रेस की तरह राष्ट्रीय छात्र संगठन (राछास) की स्थिति कमजोर हो चुकी है इसके चलते मुख्य लड़ाई एबीवीपी व समाजवादी छात्रसभा के बीच होती है। पिछला साल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के लिए अच्छा नहीं था। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय व हरिश्चन्द्र डिग्री कालेज में विद्यार्थी परिषद् को आशा के अनुसार सफलता नहीं मिली थी।
यह भी पढ़े:-नेपाल से होती रही लड़कियों की तस्करी, सोता रहा खुफिया विभाग

छात्रसंघ चुनाव में मिली जीत से लोकसभा में अपने पक्ष में बनायेंगे माहौल
बसपा का सीधा छात्र संगठन नहीं है। पिछले साल राछास व बसपा के नाम पर बने छात्र संगठनों ने समाजवादी छात्रसभा को समर्थन दिया था जिसका फायदा भी हुआ था। इस बार का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। जिस भी पार्टी के छात्र संगठन को जीत मिलती है इसको लेकर वह दल लोकसभा में अपने पक्ष में माहौल बनायेगी। एबीवीपी व सपा के छात्र संगठन के टिकट को लेकर सबसे अधिक मारामारी होती है अब देखना है कि लोकसभा के पहले किसी छात्र संगठन को जीत मिलती है।
यह भी पढ़े:-50 हजार वाहनों के चालान का मिला लक्ष्य, सड़क पर उतरी पुलिस ने की कार्रवाई

पर्याप्त फोर्स मिलने पर ही कराये जायेंगे छात्रसंघ चुनाव
विश्वविद्यालयों व कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया चल रहा है। परिसर में संभावित प्रत्याशी जमकर चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं। विश्वविद्यालय व कालेज प्रशासन जल्द से जल्द छात्रसंघ चुनाव करा कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहता है। छात्रसंघ चुनाव कराने से पहले पुलिस प्रशासन की अनुमति लेना जरूरी होता है। पुलिस प्रशासन से तभी अनुमति मिलती है जब पर्याप्त संख्या में फोर्स हो। सावन की भीड़ के चलते फोर्स की कमी है इसलिए सावन के बाद ही परिसरों में चुनाव होने की उम्मीद है।
यह भी पढ़े:-अनोखी कहानी: बेटी व बहुओं के कंधा देने के बाद मृत्युभोज में लगाये 95 पौधे