
ज्ञानवापी परिसर के साइंटिफिक सर्वे रिपोर्ट सील लिफाफे में कोर्ट में जमा, हिन्दू पक्ष ने जताई आपत्ति
वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर में सील स्थान को छोड़कर 4 अगस्त से लेकर 2 नवंबर तक हुए साइंटिफिक सर्वे की रिपोर्ट आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने जिला जज की अदालत में जमा कर दी। ASI ने लगभग 1500 पेज की इस साइंटिफिक रिपोर्ट को सोमवार दोपहर 2 बजे के बाद जिला जज अजय कृष्ण विशेष की अदालत में जमा की। इसके अलावा 250 से ज्यादा परिसर में मिले चिह्न और टूटे हुए शिलापट्ट और अन्य सामान भी कोर्ट में सब्मिट किए। वहीं इस रिपोर्ट के जमा होने के बाद विवाद खड़ा हो गया। हिन्दू पक्ष ने इस रिपोर्ट को बंद लिफाफे में जमा करने को सुप्रीमकोर्ट के ऑर्डर का वायलेशन बताया और कहा कि यह रिपोर्ट सील कवर में जमा ही नहीं हो सकती है। वहीं मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र की सर्वे रिपोर्ट किसी को दिखाई नहीं जाए। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 21 दिसंबर मुकर्रर की है।
दोपहर दो बजे के बाद जमा हुई ASI की रिपोर्ट
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में सोमवार का दिन काफी बड़ा था। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने ज्ञानवापी परिसर में किए गए सर्वे की रिपोर्ट जिला जज की अदालत में जमा हुई। कोर्ट परिसर में गहमागहमी के बीच ASI के डिप्टी डायरेक्टर और अधिवक्ताओं ने रिपोर्ट जमा की। इस दौरान हिन्दू पक्ष और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता भी मौजूद रहे। ASI ने बंद लिफाफे में यह रिपोर्ट दाखिल की है।
हिन्दू पक्ष ने जताई आपत्ति
ASI की रिपोर्ट सब्मिट होने के बाद हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि ASI ने आज रिपोर्ट जमा की है, जिसके बाद अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने एक प्रार्थना पत्र दिया है कि यह रिपोर्ट अभी किसी को दिखाया नहीं जाए और नाही किसी को इसकी कॉपी अभी नहीं दी जाए। इसपर कोर्ट ने 21 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की है। वहीं विष्णु शंकर जैन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ASI ने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का वायलेशन किया है। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में यह बात आई थी कि ASI अपनी रिपोर्ट सील्ड लिफाफे में जमा करेगी या ओपन तो कोर्ट ने ओपन जमा करने की बात कही थी ऐसे में यह सीधे-सीधे वायलेशन है। वहीं उन्होंने कहा कि हमने कोर्ट से मांग की है कि हमें इसकी कॉपी हमारे मेल आईडी पर उपलब्ध कराई जाएग जबकि मुस्लिम पक्ष ने आम जनमानस और मीडिया में इसकी प्रति न देने का प्रार्थना पत्र दिया है।
कपड़े और पीले लिफाफे में सील है रिपोर्ट
वहीं अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता रियाज अंसारी ने बताया कि कोर्ट में ASI ने सर्वे रिपोर्ट जमा की है। यह रिपोर्ट एक कपड़े और एक पीले लिफाफे में सील करके दी हिस्सों में जमा की गई है। सील लिफाफे की वजह से इसपर कई सारी आपत्तियां आई है। हिन्दू पक्ष ने सील लिफाफे को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताया है।
Published on:
19 Dec 2023 09:35 am
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