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सुषमा स्वराज ने बनारस की मजबूत की थी पहचान, पहली बार मिली थी यह सौगात

काशी की आतिथ्य परंपरा की कायल थी पूर्व विदेश मंत्री, जानिए क्या है कहानी

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Sushma Swaraj

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वाराणसी. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से सारा देश स्तब्ध है। किसी को विश्वास नहीं हो रहा है कि पूर्व विदेश मंत्री उनके बीच अब नहीं रही है। बनारस से उनका विशेष नाता था। काशी में पहली बार प्रवासी सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसकी सारी तैयारी उन्होंने खुद करायी थी।
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पीएम नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस में प्रवासी सम्मेलन करना बेहद कठिन था लेकिन सुषमा स्वराज के चलते शहर को इतने बड़े आयोजन करने का मौका मिला था। 21 से 23 जनवरी तक तीन दिवसीय प्रवासी सम्मेलन की तैयारी इतनी अच्छी थी कि बाहर से आये प्रवासी भी सुषमा स्वराज के मुरीद हो गये थे। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज खुद २४ दिसम्बर को सम्मेलन की तैयारी को परखने आयी थी और प्रवासियों के ठहरने से लेकर कार्यक्रम की सारी व्यवस्था की खुद समीक्षा की थी। प्रवासी सम्मेलन के दौरान सुषमा स्वराज खुद यहां पर उपस्थित थी और अपने भाषण में बनारस के आतिथ्य की जमकर तारीफ की थी। प्रवासियों में सुषमा स्वराज को जबरदस्त क्रेज देखने को मिला था उनके साथ फोटो खीचवाने व सेल्फी लेने की होड़ मच गयी थी। पूर्व विदेश मंत्री ने वहां पर भी किसी को निराश नहीं किया था ओर सबके साथ फोटो खींचवायी थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 के समय भी सुषमा स्वराज बनारस में आयी थी और यहां पर मातृशक्ति समागत का बतौर मुख्य अतिथि संबोधन किया था। साथ ही महिलाओं की स्कूटर रैली को भी हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था।
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बीजेपी नेता हमेशा करते थे सुषमा स्वराज की सभा कराने की मांग
सुषमा स्वराज की भाषण शैली की सारी दुनिया कायल थी। चुनाव के समय बनारस से केन्द्रीय नेतृत्व को बीजेपी नेताओं की भेजी जाने वाली सूची में सुषमा स्वराज का नाम रहता था। स्थानीय बीजेपी नेता चाहते थे कि उनके क्षेत्र में सुषमा स्वराज कोई सभा करे। इससे जनता का वोट मिलना आसान हो जायेगा। बनारस में भी सुषमा स्वराज के निधन की खबर मिलते ही सारा शहर शोक में डूब गया है। यहां के लोग कभी भी पूर्व विदेश मंत्री की सौगात को नहीं भूल पायेंगे।
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