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… तो ट्रेनिंग पीरियड में ही पूरे साल का कोर्स पूरा करेंगे BTC प्रशिक्षु !

BTC प्रशिक्षुओँ को सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में भेजने की है योजना-बनारस दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ दे गए हैं निर्देश-शिक्षकों की कमी होगी दूर, प्रशिक्षुओं को मिलेगी टीचर बनने की ट्रेनिगशहरी स्कूलों के लिए है यह योजना, अब तक ग्रामीण स्कूलो में जाते रहे ये प्रशिक्षु

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BTC trainee

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वाराणसी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बीटीसी प्रशिक्षुओं की सेवा लेकर प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर की जाए। वैसे यह कोई नई व्यवस्था नहीं है, पहले ये बीटीसी प्रशिक्षु ग्रामीण स्कूलों में एक महीने के ट्रेनिंग के लिए जाते रहे हैं, अब शहरी स्कूलों में जाएंगे। इसके लिए जिला बेसिक शिक्षा विभाग ने तैयारी भी शुरू कर दी है। सीएम की इस व्यवस्था पर शिक्षक नेताओं ने सवाल खड़ा किया है।

बता दें कि तीन दिन पहले बनारस दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने शहरी क्षेत्र के प्राथमिक और उच्च प्राथिमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने का एक फार्मूला दिया। उन्होंने कहा कि बीटीसी प्रशिक्षुओं की सेवा लेकर इन स्कूलो में शिक्षकों की कमी दूर की जाए। सीएम के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा विभाग ने तैयारी भी शुरू कर दी है।

जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के मुताबिक सीएम के निर्देश के क्रम में नगर क्षेत्र के एबीएसए से रिपोर्ट मांगी गई है। अब डॉयट प्राचार्य से वार्ता कर डीएलएड कॉलेजों को निर्देश भेजा जाएगा। यहां यह भी बता दें कि बनरस में 36 कॉलेजों में डीएलएड व बीटीसी का कोर्स चलता है। अब इन सभी की सेवाएं ली जाएंगी।

यहां यह भी बता दें कि शहरी क्षेत्र के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों की हालत लंबे अरसे से खराब है। तकरीबन आधा दर्जन स्कूलों में तो शिक्षकों की कमी के चलते ताला लटक रहा है। कई ऐसे स्कूल हैं जहां एक शिक्षा मित्र कार्यरत है तों कहीं एक शिक्षा मित्र और एक सहायक अध्यापक हैं। ऐसे में शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पठन-पाठन बुरी तरह से प्रभावित है। इसकी जानकारी होने पर सीएम ने नई व्यवस्था लागू करने को कहा है।

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इस संबंध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष सनत कुमार सिंह से पत्रिका ने बात की। उनका कहना था कि इससे कोई फायदा नहीं होने वाला। उनका कहना है कि बीटीसी प्रशिक्षु एक महीने की ट्रेनिंग के लिए वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में आते हैं। वो पूर्ण कालिक शिक्षक तो हैं नहीं। वह तो अपने पाठ्यक्रम के हिसाब से प्रैक्टिल के तहत आते हैं। इनसे कोर्स कैसे पूरा कराया जाएगा। इन प्रशिक्षुओं से पूर्ण कालिक शिक्षक का कार्य नहीं लिया जा सकता। वह व्यावहारिक भी नहीं होगा। ये तो पहले बीटीसी करेंगे, फिर टीईटी या सीटीईटी क्लीयर करेंगे। उसके बाद वेकेंसी निकलने पर इनकी भर्ती होगी। ये कोई रास्ता नहीं है। यह केवल शिक्षा का उपहास है।

सिंह ने कहा कि शिक्षक संघ अरसे से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने की मांग कर रहा है। मांग है कि प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक और 5 सहायक अध्यापक और जूनियर हाईस्कूल में एक प्रधानाध्यापक व तीन सहायक अध्यापक की नियुक्ति की जाए। इसके बिना शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं हो सकता।