20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Durga puja 2023: काशी में स्थापित मां दुर्गा की अनोखी प्रतिमा, 266 साल से नही हुई है विसर्जित, जानिए इसके पीछे का रहस्य

Durga puja 2023: धर्म की नगरी काशी में नवरात्री और दुर्गापूजा की धूम है। ऐसे में मदनपुरा स्थित पुरानी कालीबाड़ी में स्थापित दुर्गा प्रतिमा के दर्शन को लोग उमड़ रहे हैं। यह प्रतिमा 266 साल पुरानी है।

2 min read
Google source verification
The unique statue of Maa Durga installed in Kashi has not been immersed for 266 years

Durga Puja 2023

Durga Puja 2023: धर्म की नगरी काशी में कई धार्मिक इतिहास मौजूद हैं। इसी में से एक है मदनपुरा की पुरानी दुर्गाबाड़ी, जहां साल 1767 में मुखर्जी परिवार द्वारा स्थापित दुर्गा प्रतिमा आज तक वहां विराजमान हैं। उनका विसर्जन नही किया गया है। इसके पीछे भी एक कहानी है जिसे मुखर्जी परिवार वर्षों से सुना रहा है। माता को चना और गुड़ का प्रसाद अत्यंत प्रिय है । मूर्ति का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु उनके लिए गुड और चना लेकर पहुंचते हैं । काशी की इस अद्भुत प्रतिमा पर patrika.com की विशेष रिपोर्ट...

1767 में हुईं थी स्थापित, नही हिली मूर्ति

यहां रहने वाले मुखर्जी परिवार ने बताया कि साल 1767 में हमारे पूर्वजों ने यहां मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की थी । नवरात्रि को स्थापित मूर्ति जब विजयादशमी को विसर्जन के लिए उठाई जाने लगी तो मूर्ति अपनी जगह से नही हिली। परिवार और आस पास के लोग परेशान हुए और अगले दिन विसर्जन करने की बात कहकर सभी अपने कार्यों में व्यस्त हो गए।

स्वप्न में आईं मां, कही ये बात

मुखर्जी परिवार ने बताया कि उस समय के हमारे मुखिया के स्वप्न में विजय दशमी की रात मां स्वयं प्रकट हुईं और आदेशित किया कि मुझे विसर्जित करने की चेष्टा न करो मै यहीं वास करूंगी । मुझे यहीं काशी में रहना है। मुझे भक्ति स्वरूप गुड और चने का ही भोग लगाना उसी से मैं संतुष्ट रहुंगी। तब से आज तक माता को सभी पहर में गुड़ और चने का भोग लगाया जाता है।

266 साल से हैं विराजमान

माता की मूर्ति यहां 266 साल से विराजमान है। मुखर्जी परिवार की बहु ने बताया कि माता 266 वर्षों से विराजमान हैं। यहां उनकी सेवा सत्कार किया जाता है। सुबह 6 बजे इस मंदिर के कपाट खुले हैं और पूजा होती है । भक्तों के लिए इसके पट दोपहर 12 बजे तक खुला रहता है । इसके बाद शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक आम दिन में खुलता है पर नवरात्रि में यह मंदिर सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। यहां सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

11वीं सदी की भगवान विष्णु की प्रतिमा
मुखर्जी परिवार ने बताया कि इसी प्रतिमा के बगल में भगवान विष्णु की 11वीं सदी की प्रतिमा विराजमान है। यहां यह मूर्ति भी 1000 साल पहले स्थापित की गई है। दुर्गाबाड़ी में यह मूर्ति भी दर्शन का केंद्र बनी हुई है। मुखर्जी परिवार ने बताया कि सिर्फ नवरात्र ही नही साल भर लोग यहां दर्शन पूजन को आते है।