
International Women Day: जयशंकर प्रसाद का जन्म 30 जनवरी 1889 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ। हिंदी साहित्य और नाटक में उनकाअविस्मरणीय योगदान रहा है। उन्होंने कामायनी, स्कंदगुप्त, चन्द्रगुप्त और कंकाल जैसी कई कालजयी रचनाएं की हैं। उनकी रचना के वजह से ही उन्हें छायावादी कवी कहा जाता है।
जयशंकर प्रसाद ने महिलाओं को लेकर कई रचनाएं की हैं। इनमे से सबसे प्रसिद्द है ‘नारी तुम केवल श्रद्धा हो’
क्या कहती हो ठहरो नारी!
संकल्प अश्रु-जल-से-अपने।
तुम दान कर चुकी पहले ही
जीवन के सोने-से सपने।
नारी! तुम केवल श्रद्धा हो
विश्वास-रजत-नग पगतल में।
पीयूष-स्रोत-सी बहा करो
जीवन के सुंदर समतल में।
देवों की विजय, दानवों की
हारों का होता-युद्ध रहा।
संघर्ष सदा उर-अंतर में जीवित
रह नित्य-विरूद्ध रहा।
आँसू से भींगे अंचल पर
मन का सब कुछ रखना होगा-
तुमको अपनी स्मित रेखा से
यह संधिपत्र लिखना होगा।
Published on:
08 Mar 2025 03:06 pm
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