
काशी के नाम तीन पद्म सम्मान, ज्ञान, सेवा और कृषि के क्षेत्र में मिलेगा पद्मश्री अवॉर्ड
वाराणसी. गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर दिए जाने वाले पद्म पुरस्कारों (Padma Awards) की सूची में कई लोगों को उनके महान व अद्भुत कार्य के लिए शामिल किया गया है। इस बार सात हस्तियों को पद्म विभूषण, 10 को पद्म भूषण और 102 को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। 16 हस्तियों को पद्म पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान करने का ऐलान किया गया है। इसी कड़ी में धर्मनगरी काशी को भी अवार्ड की सूची में शामिल किया गया है। शहर की तीन विभुतीयों को यह सम्मान मिलेगा। इसमें बनारस के डोमराजा रहे जगदीश चौधरी को मरणोपरांत, काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. रामयत्न शुक्ल व प्रगतिशील किसान चंद्रशेखर सिंह का नाम पद्मश्री की सूची में शामिल किया गया है।
लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के प्रस्तावक थे जगदीश चौधरी
मरणोपरांत पद्मश्री के लिए चुने गए काशी डोमराजा परिवार के प्रतिनिधि रहे जगदीश चौधरी लोकसभा चुनाव में मोदी के प्रस्तावक भी थे। उनका पिछले साल अगस्त में निधन हुआ था।
इसके अलावा काशी विद्वत परिषद अध्यक्ष प्रो. रामयत्न शुक्ल संस्कृत व्याकरण के विद्वान हैं। पद्म सम्मान की सूची में उनका नाम शामिल होने पर उन्होंने कहा कि संस्कृत व संस्कृति की बदौलत ही देश दोबारा विश्व गुरु का दर्जा हासिल किया जा सकता है। नई शिक्षा नीति-2020 में संस्कृत को महत्व समाज के लिए सुखद संदेश है। हालांकि इंटर तक संस्कृत को एक विषय के रूप में अनिवार्य करने की जरूरत है। उत्थान के लिए संस्कृत शिक्षा को रोजगारपरक बनाने की आवश्यकता है। बता दें कि इससे पहले प्रो. शुक्ल को वर्ष 1999 में राष्ट्रपति पुरस्कार, वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से केशव पुरस्कार, वर्ष 2005 में महामहोपाध्याय सहित अनेक पुरस्कार व सम्मान मिल चुका है।
कृषि वैज्ञानिक चंद्रशेखर सिंह को पद्म सम्मान
पीएम मोदी से संसदीय क्षेत्र से कृषि वैज्ञानिक चंद्रशेखर सिंह को भी सम्मानित किया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी पद्म सम्मानों की सूची में कृषि वैज्ञानिक का नाम शामिल है। चंद्रशेखर सिंह को कई मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है। वह किसानों को उत्पाद की गुणवत्ता के साथ-साथ उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार शिक्षित और प्रशिक्षित करते हैं। उन्होंने कृशाइन डॉट कॉम नाम से किसानों के लिए डिजिटल मंच की शुरूआत की है, जिसके जरिए एक फसल चक्र में किसान के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने, गुणवत्ता युक्त और सस्ती कृषि उत्पादों के बारे में किसानों को बताया जाता है। इसके अलावा उनकी उपलब्धियों में ग्राम सभा के प्राथमिक विद्यालय को को गोद लेकर इसका पुन: निर्माण कराना भी शामिल है। स्कूल को सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करके यूपी के पहले कंपोजिट स्कूल में बदला।
Published on:
26 Jan 2021 10:29 am
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