
Triple Talaq
वाराणसी. पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में एक बार में तीन तलाक पर रोक के लिए बने कानून के बाद से कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। सबसे पहला मुकदमा अगस्त को दर्ज हुआ था। शहर से दूर बड़ागांव थाना क्षेत्र के बसनी गांव निवासी अब्दुल सलाम उर्फ मुन्ना की बेटी शबाना के पति ने थाने के बाहर ही उसे तीन तलाक दे दिया था। पीडि़त परिवार ने एसएसपी आनंद कुलकर्णी से गुहार लगायी थी जिसके बाद पुलिस ने मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
बड़ागांव निवासी अब्दुल सलाम उर्फ मुन्ना की बेटी शबाना बेगम की शादी पांच दिसम्बर 2018 को जौनपुर निवासी मकसूद से हुई थी। शबाना का आरोप है कि ससुराल पहुंचने के साथ ही पति के साथ सास, ससुर व देवर उसे दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताडि़त करते थे। लगातार प्रताडऩा से वह परेशान हो गयी थी। 30 जुलाई 2019 को ससुराल वालों ने शबाना को मारपीट कर घर से निकाल दिया था। शबाना के परिजनों ने बड़ागांव थाने में दामाद व उनके परिजनों के खिलाफ शिकायत की थी जिस पर बड़ागांव पुलिस ने थाने में दोनों पक्षों को बुला कर पंचायत करायी थी। आरोप है कि बीच पंचायत से ही मकसूद उठा कर थाने के बाहर आ गया था। शबाना जब उसके पास आयी तो उसने थाने के बाहर ही एक बार में तीन तलाक बोला था। इसके बाद परिजनों ने इसकी शिकायत एसएसपी आनंद कुलकर्णी से की थी। एसएसपी के आदेश के बाद बड़ागांव पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। तीन तलाक पर कानून बनने के बाद यह बनारस का पहला मुकदमा था।
Published on:
23 Sept 2019 05:17 pm
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