
आधार कार्ड की तरह मकानों की बनेगी यूनिक आईडी, हर डिजिट में दर्ज होगी ये जानकारियां, अब तक 39 हजार घरों को मिली पहचान
वाराणसी. इंसानों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली किसी आईडी प्रूफ की तरह अब मकानों का भी यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (Unique Identification Number) होगा। इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में घरों को यूनिक आइडेंटिफिकेशन देने की शुरुआत कर दी गई है। शासन के आदेश के बाद मकानों को यूनिक आईडी देने की शुरुआत हुई थी। वाराणसी शहर में अब तक 39000 मकानों को उनकी पहचान मिल गई है। दरअसल, सरकार की मंशा चीजों को डिजिटल करने की है। प्रदेश सरकार डिजिटलाइजेशन पर जोर दे रही है। पहले मकानों की पहचान पते से होती थी। वह आवासीय है या व्यसायिक इसकी पहचान नहीं हो पाती थी। लेकिन अब डिजिटल माध्यम से सारी जानकारी रहेगी। इससे टैक्स भुगतान में भी आसानी होगी।
17 डिजिट का होगा यूआईडी
आमतौर पर इंसानों का आधार कार्ड 12 डिजिट का होता है। लेकिन मकान पर लगने वाले ये यूनिक आईडी नंबर 17 डिजिट का होगा। साथ ही, आधार कार्ड की तरह ही मकानों की यह यूनिक आईडी हर जगह पहचान के तौर पर इस्तेमाल की जाएगी।
इस तरह की होगी यूआईडी
- पहला-दूसरा नंबर- स्टेट कोड
- तीसरा-चौथा नंबर - जिले के कोड
- पांचवा-छटा नंबर - यानी नगर निगम, नगर पालिका या पंचायत कोड.
- सातवां-आठवां नंबर- जोन कोड
इसके बाद वॉर्ड कोड, मोहल्ला कोड और अंत में हाउस कैटेगरी कोड (रेजिडेंशियल है या कॉमर्शियल) लिखा जाएगा। रेजिडेंशियल के लिए मकान पर आर लिखा जाएगा। वहीं, नॉन-रेजिडेंशियल के लिए एन लिखा जाएगा। मिश्रित संपत्ति (Mixed Property) के लिए एम लिखा जाएगा।
39 हजार मकानों को प्राप्त हुई अपनी पहचान
वाराणसी में अब तक 39 हजार मकानों का यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी कर दिया गया है। शहर में कुल भवनों का आंकड़ा 2 लाख 72 हजार है। अफसरों का कहना है कि मकानों की ये यूआईडी आधार के प्रकार सभी स्थानों पर पहचान के रूप में मान्य होगी व सभी विभाग इसी यूआईडी को फाॅलो करेंगे।
Published on:
14 Feb 2021 12:34 pm
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