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प्यारे भईया का क्रिकेट वो एक शानदार स्टैम्पिंग और विश्व कप फाइनल में दीप्ति सिंह 

प्यारे भईया का क्रिकेट वो एक शानदार स्टैम्पिंग और विश्व कप फाइनल में दीप्ति सिंह 

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Awesh Tiwary

Jul 23, 2017

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पत्रिका एक्सक्लूसिव


आवेश तिवारी
वाराणसी। जिस वक्त यह खबर लिखी जा रही थी 19 साल की दीप्ति क्रिकेट के मक्का लार्ड्स में भारत की ओर से बल्लेबाजी करने के लिए उतरने वाली थी। मुमकिन है वो भारत को विजय दिलाएं या फिर यह भी मुमकिन है कि इंग्लैण्ड के गेंदबाज शानदार गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण करके मैच को अपने नाम कर लें। खैर बात यूपी के सहारनपुर जिले की दीप्ति सिंह की करते हैं। क्रिकेट सोचने क्रिकेट से प्रेम करने क्रिकेट खेलने वाली दीप्ति कुछ साल पहले तक किसी आम कस्बाई लड़की की तरह रोजगार की तलाश में भटक रही थी।

भईया का क्रिकेट, बहन का सेलेक्शन

दीप्ति के क्रिकेट की कहानी उसके भाई के साथ शुरू होती है जो खुद सीके नायडू ट्राफी के लिए खेल चुका है। एक दशक ही तो हुए जब वो अपने भाई के साथ क्रिकेट देखने स्टेडियम चली गई थी ,मैदान में बल्लेबाज का बल्ला घुमा और गेंद दीप्ति तक पहुंची। फिर क्या था दीप्ति ने दर्शक दीर्घा से शानदार थ्रो किया और विकेट के परखच्चे उड़ा दिए। ठीक उस वक्त लड़कियों का प्रैक्टिस सेशन चल रहा था लड़कियों की टीम के सेलेक्शन पैनल की अध्यक्ष हेमलता काला यह दृश्य देख रही थी। उन्होंने भाई को बुलाया और कहा 'इसे कल से मैदान पर लाओ यह एक दिन देश के लिए क्रिकेट खेलेगी'। और इस घटना के 10 साल बाद आज दीप्ति देश के लिए फाइनल खेल रही है। 2014 से भारत के लिए क्रिकेट खेल रही दीप्ति ने एक दिवसीय मैचों में हरफनमौला प्रदर्शन करते हुए दीप्ति शर्मा ने 5 अर्धशतकों और 1 शतक की मदद से 745 रन बनाए हैं, वहीं इतने ही मैचों में गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 28 विकेट भी झटके हैं। दीप्ति शर्मा ने एक बार पांच विकेट लेने का कारनामा भी किया है।

अरिजीत सिंह की दीवानी दीप्ति

दीप्ति को बहुत दुःख होता है कि वो अभी तक कक्षा 10 की परीक्षा नहीं पास कर पाई। लेकिन जब कभी टूर पर जाती है उसके साथ उसके बस्ते का भी बोझ होता है। 2014 से अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत करने वाली दीप्ति जब खाली होती है अरिजीत सिंह को सुनने लगती हैं। दीप्ति का मानना है कि बाल की मेरिट के हिसाब से बैटिंग करनी चाहिए। यह मानना इसलिए भी जरुरी है क्योंकि भईया ने कहा है और यह खुद भी आजमाया हुआ है। दीप्ति का मानना है कि अगर 50 ओवर तक बल्लेबाजी करनी है तो गेंद का एक्सरे कर लो। दीप्ति कहती भी हैं बल्लेबाजी करते समय मैं और कुछ नहीं सोचती सिवाय इसके कि यह जिम्मेदारी भरा काम है।

किस भी क्रम पर करा लो बल्लेबाजी, दीप्ति तैयार

दीप्ति के लिए यह मायने नहीं रखता कि उन्हें किस क्रम में बल्लेबाजी करने भेजा जाता है। वो कभी ओपनिंग करने उतरती है तो कभी आठवें क्रम पर बल्लेबाजी करने भी उतरी हैं। वो खुद कहती है 'मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं होती, घरेलु मैचों में ओपनिंग करने वाली दीप्ति कहती है 'मैंने हर क्रम के हिसाब से खुद को ढाल लिया है। पांच भाई और दो बहनों में सबसे छोटी दीप्ति कहती है 'अगर मैं पहले आउट हो जाऊं तो भईया चिढाता है, कहता है तुमने एक मौका खो दिया, जब मैं पहले अपने एक दिवसीय मैच में जीरो पर आउट हो गई तो उसने कहा तुम मैच को शानदार मोड़ दे सकती थी मुझे आज भी अफ़सोस है वो एक गलत शाट था।'