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15 फरवरी से बिना T 18 रैक के चलेगी Vande Bharat Express, ये है वजह

45 दिन के लिये वर्कशाॅप भेजे जाएंगे वंदे भारत के कोच पहली बार ट्रेन के कोचों की होगी ओवरहाॅलिंग

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

वाराणसी. वाराणसी से नई दिल्ली के बीच चलने वाली देश की पहली सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) में 15 फरवरी से टी 18 रैक (T 18 Rack) नहीं होंगे। इसकी जगह ट्रेन तेजस एक्सप्रेस के रैक लेकर चलेगी। 45 दिन के लिये वंदे भारत के कोच वर्कशाॅप भेजे जाएंगे। इस दौरान भी गाड़ी का संचालन चलता रहे इसलिये इस अवधि में वंदे भारत तेजस के रैक के साथ दौड़ेगी। एक अप्रैल से यह ट्रेन फिर से अपने असली स्वरूप में आ जाएगी।


वंदे भारत एक्सप्रेस न सिर्फ देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन है बल्कि इसके कोच भी बेहद अत्याधुनिक और देश में अपनी तरह के नए कोच हैं। इस रैक को 18 माहीने संचालन के बाद या फिर 6 लाख किलोमीटर चलाए जाने के बाद इसकी ओवरहाॅलिंग जरूरी होती है। इसीलिये इसके रैक को लखनऊ के वर्कशाॅप में भेजा जाएगा, जहां अपर मंडल रेल प्रबंधक वाराणसी रवि चतुर्वेदी ने बताया कि जब से वंदे भारत का संचालन शुरू हुआ है इसका रैक ओवरहाॅलिंग के लिये नहीं गया। कोरोना के चलते ऐसा नहीं हो सका। वंदे भारत के कोच की लखनऊ स्थित वर्कशाॅप में ओवर हाॅलिंग और मेंटेनेंस का काम होगा। इस दौरान ट्रेन तेजस एक्सप्रेस के रैक के साथ चलती रहेगी।


बताते चलें कि वंदे भारत को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 में फरवरी के दूसरे सप्ताह में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। सोमवार और वृहस्पितवार को छोड़कर इसका संचालन रोजाना होता है। यह ट्रेन वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन से दोपहर बाद 3 बजे खुलकर प्रयागराज, कानपुर सेंट्रल होते हुए रात 11 बजे नई दिल्ली पहुंचती है। मार्च 2020 में कोरोना संकट के चलते लाॅक डाउन लगने से ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया। इसके चलते वंदे भारत 173 दिन तक बंद रही। 12 सितंबर 2020 से वंदे भारत का संचालन फिर से शुरू हुआ। वाराणसी से नई दिल्ली तक चेयरकार का किराया 1440 रुपये, जबकि एग्जिक्यूटिव क्लास का किराया 2925 रुपये है।