इस मॉडल को अब यूपी के सरकारी अस्पतालों में लागू करने की तैयारी हो रही है। इसके लिए शुक्रवार को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और 19 जिलों के सीएमओ काशी आ रहे हैं। यहां उन्हें इस व्यवस्था डेमों करके दिखाया जाएगा।
सीएमओं ने बताई इमरजेंसी मॉडल की खासियत इस सम्बन्ध में चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि इमरजेंसी मॉडल के तहत मंडलीय अस्पतालों में ईसीजी कार्नर या कोरोनरी केयर यूनिट बनाई जाएगी। यहां हार्ट पेशेंट्स का प्राथमिक इलाज तुरंत किया जाएगा। सबसे पहले मरीज का ईसीजी किया जाएगा। उसके बाद इको होगा। इसके बाद रिपोर्ट को एक एप के माधय से मेडिकल कालेज के हार्ट स्पेशलिस्ट को भेजा जाएगा। इससे हार्ट पेशेंट की बिमारी और दिक्क्त की सटीक जानकारी डॉक्टर देगा साथ ही थ्रम्बोलाइसिस थेरेपी भी दी जाएगी।
जिला अस्पताल बचाएगा जान, फिर रेफर होगा मरीज सीएमओं ने बताया कि इस थेरेपी के सभी मंडलीय जिला चिकित्सालयों में शुरू होने के बाद हार्ट के गंभीर पेंशनट्स को प्रारंभिक इलाज मिल जाएगा जिससे उसकी जान बच जाएगी क्योनी अक्सर ये देखा गया है कि लोग पेशंट्स को सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचते हैं, जहां डॉक्टर्स हाथ खड़े कर देते हैं और अन्यत्र ले जाने में सी चूक से पेशंट की मौत हो जाती है। अब ऐसा नहीं होगा और प्राथमिक इलाज के बाद उसे हायर सेंटर रेफर किया जाएगा।
26 मई को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य देखेंगे इलाज का तरीका, साथ रहेंगे ये सीएमओ ने बताया की यह मॉडल आईएमए बीएचयू के हार्ट स्पेशलिस्ट प्रोफेसर धर्मेंद्र जैन ने तैयार किया है। इसका डेमो देखने के लिए कल प्रमुख सचिव स्वास्थ्य वाराणसी आ रहे हैं। उनके साथ 19 जिलों के सीएमओ भी रहेंगे जो इस डेमो को देखेंगे। सीएमओ ने बताया कि उम्मीद है कि कल ही इस मॉडल को पूरे यूपी में लागू करने की संस्तुति प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कर सकते हैं।