वाराणसी के सभी थानेदारों से लेकर सिपाही व खुफिया तंत्र को मालूम है कि बनारस बारुद के ढेर पर बैठा है। शहर-देहात की किस गली के किस मकान में अवैध ढंग से पटाखे तैयार हो होते हैं, पुलिस को मालूम है। दिवाली पर पटाखों की बिक्री के लिए तीन माह पहले से ही बारुद जुटाने की तैयारी शुरू हो जाती है। अवैध ढंग से तैयार होने वाले इन पटाखों के निर्माण की जानकारी होने के बाद भी पुलिस शांत रहती है क्योंकि उसकी जेब भरती रहती है।