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इस जिले में पॉलिमर डोजिंग प्लांट से, गंगाजल को बनाया जा रहा पीने का पानी

आधुनिक तकनीक की माध्यम से विश्व में पहली बार गंगा के जल को सीधे लिफ्ट किया जा रहा है। इसे पॉलिमर डोजिंग मेथड से प्यूरीफाई किया जा रहा है।  

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पॉलिमर डोजिंग प्लांट

वाराणसी के लोगों को गंगा का शुद्ध जल पीने के लिए मिलने लगा है। जिले के जलकल परिसर में लगभग 50 लाख रुपए की लागत से पॉलिमर डोजिंग प्लांट लगाया गया है।

इसका जल पूरी तरह से स्वच्छ और निर्मल है। भदैनी में पंप के जरिए गंगा का पानी लेकर भेलूपुर जलकल परिसर में साफ किया जा रहा है। उसके बाद इसकी सप्लाई की जा रही है।

गंगा जल अब शुद्ध पेयजल हो गया है
इसकी सप्लाई होने से वरुणा नदी के इस पार के इलाके में बसे लोगों को अब शुद्ध गंगा जल पेयजल के रूप में मिलने लगा है। विभाग इसके बाद वरुणा नदी के उस पार के इलाके में भी सप्लाई पहुंचाने की तैयारी में लगा है।

वॉटर सप्लाई अधिकारी के अनुसार पानी के प्यूरिफिकेशन के लिए ऑर्गेनिक पॉलिमर का प्रयोग शुरू हो गया है। इससे पीपीएम यानी Parts Per Million शून्य के करीब हो जाता है। इससे पानी में घुलनशील वस्तु, बैक्टीरिया, मिट्टी, बालू के कण आदि लगभग पूरी तरह साफ़ हो जाते हैं। पॉलिमर डोजिंग की प्रयोग से पानी गन्दा नहीं दिखता है और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी होता है।

जलकल विभाग के सचिव दी जानकारी
जलकल विभाग के सचिव सिद्धार्थ कुमार ने कहा, “आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए विश्व में पहली बार गंगा के जल को सीधे लिफ्ट करके इतने बड़े पैमाने पर पॉलिमर डोजिंग मेथड से ट्रीट किया जा रहा है। इससे पानी की गुणवत्ता अपने मूल रूप में रहती है।”

अभी तक 120 से 125 एमएलडी पानी का ट्रीटमेंट रोजाना हो रहा है। इसे जल्दी ही 250 एमएलडी कर दिया जाएगा। जलकल विभाग के सचिव ने जानकारी दी कि पॉलिमर डोजिंग ट्रीटेड पानी, आरओ और मार्किट में बिकने वाले मिनरल वाटर से ज्यादा सेहतमंद है। इसका टीडीएस 200 के आस पास रहता है।