
संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम और संस्कृत भारती के अखिल भारतीय शास्त्र संरक्षण प्रमुख डॉ संजीव राय
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
वाराणसी. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम रविवार की सुबह रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मिले। इस दौरान उनके साथ संस्कृत भारती के अखिल भारतीय शास्त्र संरक्षण प्रमुख डॉ संजीव राय भी थे। इस मुलाकात में कुलपति प्रो हरेराम ने रक्षा मंत्री से संस्कृत विश्वविद्यालय की शास्त्री की उपाधि को सैन्य मंत्रालय स्तर से अमान्य किए जाने के मसले पर वार्ता की। कहा कि सेना में धर्म गुरु की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय की शास्त्री की उपाधि को मान्यता दी जाए, ताकि यहां के छात्र-छात्राएं भी उस अति महत्वपूर्ण पद के अर्ह हों। उन्होंने रक्षा मंत्री को बताया कि विश्वविद्यालय की शास्त्री की उपाधि पूर्व में मान्य रही है। बताया कि यह उपाधि स्नातक उपाधि के समकक्ष है।
रक्षा मंत्री को बताया कि शास्त्री की उपाधि यूजीसी के मानक के अनुसार है
वीसी प्रो. हरेराम ने बताया कि सेना में धर्म गुरु की नियुक्ति के लिए शास्त्री की उपाधि को अमान्य किए जाने से विद्यार्थियों के समक्ष आने वाली दिक्कत पर विस्तार से चर्चा की। उन्हें बताया कि शास्त्री की उपाधि यूजीसी के मानक के अनुसार बीए (स्नातक) तथा आचार्य को एमए (स्नातकोत्तर) है। इसका प्रमाण भी दिया। बताया कि पूर्व में सेना में धर्म गुरु के पद पर यहां (संस्कृत विश्वविद्यालय) के शास्त्री उपाधि धारकों का चयन होता रहा है। लेकिन जून 2021 से इसमें व्यवधान आ रहा है। कुलपति ने बताया कि रक्षा मंत्री ने वार्ता के क्रम में छात्रहित में स्थायी समाधान या अध्यादेश जारी करने का अश्वासन भी मिला है।
रक्षा मंत्री को भेंट किया बाबा विश्वनाथ का प्रसाद व विश्वविद्यालय की पत्रिका
वीसी ने रक्षामंत्री को बाबा विश्वनाथ का प्रसाद, भभूत व विश्वविद्यालय से प्रकाशित "सारस्वती सुषमा" का नवीन अंक भेंट कर छात्रहित में सार्थक वार्ता पर प्रसन्नता व्यक्त की। कहा कि जब तक इसका स्थायी समाधान नहीं हो जाता तब तक इस संबंध में प्रयास जारी रहेगा। इस संबंध में देश के अन्य 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के भी रक्षा मंत्री को पत्र लिखने व स्थायी समाधान अथवा अध्यादेश जारी कराने को सहयोग लेंगे।
विश्वविद्यालय के छात्रों का था दबाव
बता दें कि सेना में संस्कृत विश्वविद्यालय की शास्त्री की उपाधि अमान्य किए जाने के बाद से विश्वविद्यालय के छात्र लगातार कुलपति व विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बना रहे थे।
Published on:
09 Jan 2022 04:16 pm
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