धरोहर बचाओ समिति के आह्वान पर बंदी का जबरदस्त असर, बाबा विश्वनाथ को बिल्वपत्र भी नहीं चड़ा पाए भक्त।
वाराणसी. काशी के इतिहास में शायद पहली बार विश्वनाथ
मंदिर परिक्षेत्र में ऐतिहासिक बंदी देखने को मिली। बाबा विश्वनाथ को माला फूल तो दूर, बिल्वपत्र का अर्पण भी नहीं हो सका, यहां तक कि शनिवार को शनिदेव को दीपक तक भक्त नहीं दिखा पाए।