
Akshay Patra
काशी के सरकारी स्कूलों में अब न तो मिड डे मील के लिए खाना बनाने का झंझट होगा न रसोइये का। जिले में पढ़ने वाले 25 हजार स्कूली बच्चों को अक्षय पात्र फाउंडेशन गर्म और ताजा भोजन परोसेगा। देशभर में लाखों बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध करा रहे अक्षय पात्र फाउंडेशन ने वाराणसी में भी अपना रसोईघर शुरू करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन की तरफ से सेंट्रलाइज्ड किचन तैयार किया जा रहा है जिसमे बच्चों को भरपेट भोजन मिलेगा। काशी में यह रसोईघर 24 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है जिसे देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई में वाराणसी आ सकते हैं। अगले महीने के पहले या दूसरे सप्ताह में उनके संभावित आगमन के मद्देनजर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। वह एक दिन के दौरे पर काशी आएंगे। इस दौरान वह अपने संसदीय क्षेत्र के तीन कार्यक्रमों में शामिल होंगे, जिसमें अक्षय पात्र किचन देखने का प्रोग्राम भी शामिल है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी पहुंकर परिषदीय स्कूलों के बच्चों के मिड डे मील के लिए अर्दली बाजार के एलटी कालेज परिसर में निर्मित केंद्रीकृत रसोईघर अक्षय पात्र का निरीक्षण किया। वाराणसी जिले में कुल 1143 परिषदीय विद्यालय है।
पीएम मोदी का संभावित कार्यक्रम
अक्षय पात्र योजना के तहत वाराणसी के सरकारी स्कूलों में अत्याधुनिक किचन में बच्चों के लिए खाना बनाया जाएगा इस योजना के तहत बच्चों के अच्छा और पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। पीएम मोदी शिक्षा मंत्रालय की ओर सिगरा स्थित अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर रुद्राक्ष में आयोजित दो दिनी शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। सम्मेलन में देशभर के केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, आईआईटी, आईआईएम सहित कई उच्च शिक्षण संस्थानों के निदेशक और चेयरमैन भाग लेंगे। कई विश्वविद्यालयों के शिक्षक, शिक्षाविद् व एक्सपर्ट के अलावा कार्यक्रम में भाजपा शासित राज्यों के राज्यपाल भी पहुंचेंगे। काशी में इस तरह का सम्मेलन पहली बार हो रहा है। प्रधानमंत्री करीब 1800 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास समारोह में भाग लेंगे। इसके लिए सिगरा स्टेडियम पर मंथन चल रहा है।
6 माह बाद रसोई घर की क्षमता बढ़ाकर एक लाख
अक्षय पात्र रसोईघर का दायरा अन्य जिलों में भी बढ़ाया जाएगा। छह माह बाद इस रसोईघर की क्षमता बढ़ाकर एक लाख और एक साल बाद दो लाख करने का लक्ष्य है। निश्चित रूप से केंद्रीकृत रसोईघर की शुरुआत होने से परिषदीय स्कूल के शिक्षकों को मिड डे मील बनवाने से निजात मिलेगी। बच्चों को भी मशीनीकृत आधुनिक रसोई से शुद्ध व पौष्टिक गरमा गरम मध्याह्न भोजन (एमडीएम)मिलेगा। बता दें कि यूपी में वृंदावन और लखनऊ में अक्षय पात्र के दो रसोईघर पहले से हैं। लखनऊ में 1,400 स्कूलों के 1,25,000 बच्चों को प्रतिदिन मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। एनजीओ भारतीय खाद्य निगम से गेहूं और चावल निशुल्क प्राप्त करता है, जबकि दाल आदि की खरीद बाजार से की जाती है।
Updated on:
26 Jun 2022 05:27 pm
Published on:
26 Jun 2022 03:20 pm
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