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काशी के मंदिरों से हटाई गई साईं बाबा की प्रतिमा, जानिए क्या है पूरा विवाद

Sai Baba Idol Removed: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद गहराने लगा है। वाराणसी के प्रसिद्ध बड़ा गणेश मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति हटा दी गई है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

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वाराणसी के मंदिरों से क्यों हटाई जाने लगी साईं बाबा की प्रतिमा

केंद्रीय ब्राह्मण महासभा शहर के अन्य मंदिरों से भी साईं की प्रतिमाएं हटाने की मांग कर रही है। अचानक साईं प्रतिमा को लेकर गहरा विवाद कैसे उत्पन्न हो गया।

केंद्रीय ब्राह्मण महासभा ने साईं प्रतिमाओं को हटाने का अभियान शुरू किया है, जिसमें उन्होंने इसे सनातन धर्म के खिलाफ बताया है। महासभा का कहना है कि साईं बाबा की मूर्तियों को हटाया जाए। हालांकि, इस मुद्दे पर अभी शहर में कोई तनाव नहीं है, और न ही किसी अन्य समुदाय ने इसका विरोध किया है।

बड़ा गणेश मंदिर से हटी साईं की प्रतिमा

बड़ा गणेश मंदिर के पुजारी राजेश तिवारी के अनुसार, साईं बाबा की प्रतिमा 2013 में स्थापित की गई थी। पहले इस मुद्दे पर कोई विवाद नहीं था, लेकिन चार-पांच साल पहले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने इस पर अभियान छेड़ा और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने साईं बाबा को मुस्लिम बताया और मंदिरों से उनकी प्रतिमाएं हटाने की मांग की।

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केंद्रीय ब्राह्मण महासभा के एक कार्यकर्ता का कहना है कि हिंदू समुदाय अन्य धार्मिक स्थलों पर पूजा करता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे अपने मंदिरों में साईं बाबा को स्थान दें। अगर किसी को साईं बाबा में आस्था है, तो उन्हें अपने घर पर पूजा करनी चाहिए।

2014 में शंकराचार्य ने किया था साईं प्रतिमा का विरोध

यह विवाद कोई नया नहीं है। 2014 में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं बाबा को मुसलमान फकीर बताया था, जिसके बाद काफी विवाद उत्पन्न हुआ था। उन्होंने कहा था कि शिरडी के साईं बाबा की पूजा को बढ़ावा देने से हिंदू धर्म कमजोर होगा। पिछले साल आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने भी साईं बाबा पर टिप्पणी की थी, जिसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। उन्होंने साईं बाबा को भगवान मानने से इनकार किया और कहा कि हर सनातनी को शंकराचार्य की बात माननी चाहिए।