आगरा। पुत्र का परमकर्तव्य है पिता की सेवा करना। पिता अगर विकलांग है तो अधिक ध्यान रखना होता है। जैन दादाबाड़ी शाहगंज में एक पुत्र अपने पिता की कुछ इस तरह से सेवा करता दिखाई दिया कि मन गर्वित हो उठा।
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विकलांग शिविर
धनौली, आगरा के रहने वाले देवेन्द्र के दोनों पैर नहीं हैं। उन्हें ट्राइसाइकिल दी जानी थी। कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाने के लिए उनका पुत्र नहना दोनों पैर उठाकर ले जा रहा था। महावीर विकलांग सहायता समिति जयपुर, भगवान महावीर स्वामी श्वेतांबर जैन दादाबाड़ी आगरा व सन्तोष ममोरियल ट्रस्ट आगरा के संयुक्त तत्वाधान में दिव्यांग उपकरण वितरण शिविर लगाया गया था। इसमें विकलांग उमड़ पड़े। उन्हीं में से एक देवेन्द्र था। वीडियो में देखिए नहना अपने पिता को किस तरह से ले जा रहा था। थक जाने पर वह रुकता है, हाथ फेंकता है, शक्ति अर्जित करता है और फिर चल पड़ता है।
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