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Ahmedabad : एशिया के सबसे बड़े अहमदाबाद स्थित सिविल अस्पताल में एक ही दिन में दो ब्रेनडेड मरीजों के अंगों को दान करने के चलते जरूरतमंद छह लोगों को नया जीवन मिल गया। अस्पताल में लगभग चार वर्षों में 220 ब्रेनडेड मरीजों के 911 अंग व ऊतक दान में मिल चुके हैं।ब्रेन डेड मरीजों में एक अहमदाबाद जिले की विरमगाम तहसील का निवासी था तो दूसरी महिला मरीज भी अहमदाबाद जिले की ही रहने वाली थी। इस महिला के अंगो का गुप्त दान किया। इनके परिजनों ने दुख की घड़ी में भी प्रेरणादायी निर्णय लिया है, जिससे जनसेवा की ज्योत प्रज्वलित हुई।ब्रेनडेड मरीजों में अहमदाबाद जिले की विरमगाम तहसील के खेगारीया गांव निवासी 35 वर्षीय संजय को 14 नवंबर को मस्तिष्क में रक्तस्राव के बाद सिविल अस्पताल लाया गया था। 72 घंटे की गहन चिकित्सा के बावजूद उन्हें आराम नहीं हुआ। उचित जांच कराए जाने के बाद सोमवार को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। अस्पताल की अंगदान टीम के डॉ. मोहित चंपावत ने परिवार को समझाया, जिसके बाद संजय की पत्नी ने अंगदान की सहमति दी। इस निर्णय से दो किडनी और एक लिवर का दान संभव हुआ।
इसके अलावा अस्पताल के आइसीयू में भर्ती 48 वर्षीय एक महिला मरीज को काफी उपचार के बाद भी हालत नहीं सुधरने पर सोमवार को ब्रेन डेड घोषित किया गया। अस्पताल के डॉ. भावेश प्रजापति ने अंगदान की महत्ता समझाई तो परिजनों ने गुप्त अंगदान की सहमति दे दी। महिला की दो किडनी व एक लिवर का दान लिया गया।
किडनी हॉस्पिटल में ही प्रत्यारोपण
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि इन दोनों मरीजों के दान में 4 किडनी और 2 लिवर प्राप्त हुए हैं, जिनका प्रत्यारोपण सिविल मेडिसिटी कैंपस की किडनी अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों को किया गया। उन्होंने कहा कि अब तक अस्पताल में 220 ब्रेनडेड मरीजों से 911 अंग व ऊतक दान में मिल चुके हैं।
सबसे ज्यादा 404 किडनी का मिला दान
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि लगभग चार वर्षों में 404 किडनी, 194 लिवर, 71 हृदय, 34 फेफड़े, 18 पेंक्रियाज, 6 हाथ और 2 आंत दान में मिल चुके हैं। इसके अलावा 156 नेत्र और 26 त्वचा (182 ऊतक) दान में मिले हैंं।