अहमदाबाद शहर के असारवा स्थित सिविल अस्पताल में और एक ब्रेनडेड मरीज के परिजनों ने अंगदान किया है। इस मरीज के चार अंगों का दान किया गया है। यह दान गुप्त रूप से किया गया है। इसके चलते चार जरूरतमंद लोगों को नया जीवन मिला है।अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि यह गुप्त अंगदान मध्यप्रदेश के एक परिवार ने किया है। मध्यप्रदेश निवासी 22 वर्षीय एक युवक सिविल अस्पताल में उपचाराधीन था। इस युवक को गत सात नवंबर को चिकित्सकों ने ब्रेनडेड घोषित किया था। जिसके बाद अस्पताल की अंगदान के लिए काम करने वाली टीम के डॉ. मोहित चंपावत ने परिजनों को अंगदान के बारे में समझाया। परिजनों ने परोपकार की भावना को ध्यान में रखकर युवक के चार अंगों का दान करने की स्वीकृति दी। जिससे ब्रेनडेड युवक की दो किडनी, लिवर व हृदय का दान स्वीकार किया गया।
आइकेडीआरसी में किडनी-लिवर का प्रत्यारोपण
गुप्त दान में मिले लिवर व दो किडनी का प्रत्यारोपण सिविल मेडिसिटी कैंपस के ही इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिस एंड रिसर्च सेंटर (आइकेडीआरसी) में भर्ती मरीजों में किया गया है। जबकि हृदय को शहर के एक निजी अस्पताल में ले जाकर ट्रांसप्लांट किया। ऐसे में चार जरूरतमंद लोगों को नया जीवन मिला।
दान में मिले अंगों में सबसे अधिक 400 किडनी
डॉ. जोशी ने बताया कि अब तक अस्पताल को 218 ब्रेनडेड मरीजों से अंग दान में मिले हैं। इसमें सबसे ज्यादा 400 किडनी है। 192 लीवर, 71 हृदय, 34 फेफड़े, 18 पेक्रियाज, 6 हाथ और 2 छोटी आंतें शामिल हैं। इस तरह से कुल 905 अंग और ऊतक दान में मिले हैं। ऊतकों में 156 नेत्र व 26 त्वचा शामि हैं। अंगों की मात्रा 723 है। इन अंगों की मदद से 701 लोगों को नया जीवन मिला है। हर अंगदान के पीछे परिवार की संवेदनशीलता, परोपकार की भावना है। सिविल अस्पताल की टीम भी अथक परिश्रम कर रही है।