पुष्कर . निकटवर्ती सुधाबाय कुंड पर चौथ मंगला का मेला भरा। सैकडों श्रद्धालुओं ने पवित्र कुंड में डुबकी लगाई तथा अपने पितृों का पिंडदान व तर्पण किया।शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर धार्मिक त्रिसंयोग होने पर यह मेला भरता है। मेले के दौरान कुंड में स्नान करने से कथित अदृश्य आत्माओं से मुक्ति मिलने की वर्षो पुरानी परम्परा के तहत श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़े। श्रद्धालुओ ने अपने पित़ृों का गया श्राद्ध भी किया। हवन किए गए। पुरोहितों को दक्षिणा देकर आशीर्वाद लिया। सुधाबाय कुंड को गया कुंड भी कहते है। मान्यता है कि इस कुंड में स्नान करके पितृों का पिंडदान व तर्पण करने से बिहार के बौद्ध गया तीर्थ में पिंडदान के समान माना जाता है।