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अजमेर

हालात कुछ सुधरे, हाल अब भी खराब

राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्राइवेट डॉक्टर्स का आंदोलन जारी है। उधर गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू अस्तपाल और शहर के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की भीड़ रही। सरकारी डॉक्टर्स और रेजिडेंट दो दिवसीय कार्य बहिष्कार के बाद ड्यूटी पर लौटे। इससे लोगों को राहत मिली।

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अजमेर. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्राइवेट डॉक्टर्स का आंदोलन जारी है। उधर गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू अस्तपाल और शहर के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की भीड़ रही। सरकारी डॉक्टर्स और रेजिडेंट दो दिवसीय कार्य बहिष्कार के बाद ड्यूटी पर लौटे। इससे लोगों को राहत मिली।

गत दो दिनों की अपेक्षा अस्पतालों में भीड़ कम नजर आई। मेडिकल कॉलेज शिक्षकों और सरकारी चिकित्सकों के दो दिवसीय कार्य बहिष्कार से जेएलएन अस्पताल समेत जिलेभर में हालात खराब रहे थे। गुरुवार को अस्पतालों में हालात कुछ सुधरे। इमरजेंसी, शिशु रोग, नेत्र रोग, हृदय रोग, यूरोलॉजी, जनरल फिजिशयन, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक सहित विभिन्न विभागों में डॉक्टर्स बैठे नजर आए।

शहर में ठप पड़ी जांच सुविधा

प्राइवेट अस्पतालों- डायग्नोस्टिक सेंटर पर लगातार आठ दिन से तालाबंदी जारी है। शहर में खून, थूक, स्टूल टेस्ट, थायराइड, शुगर, एक्स-रे और एमआरआई नहीं हो रही। नेहरू अस्पताल, ब्यावर, नसीराबाद, केकड़ी, किशनगढ़ के अस्पताल में जांच जारी हैं, पर लोगों को सैंपल-रिपोर्ट के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

टांग दिया संचालक ने बोर्ड…

जेएलएन अस्पताल में एमआरआई मशीन बंद पड़ी है। संचालक ने रूम के ऊपर बोर्ड टांग रखा है। इसमें बताया गया है कि मरीजों के सेवा के बदले भुगतान नहीं होने के कारण मशीनों को बंद किया जा रहा है। अस्पताल अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस संदेश को हटाने अथवा नए बंदोबस्त के प्रयास नहीं किए हैं।

यह है स्थिति

8 हजार से ज्यादा का ओपीडी प्रभावित

1 हजार से ज्यादा सर्जरी प्रभावित

1500 से ज्यादा आईपीडी प्रभावित

10 सीटी स्कैन सेंटर बंद

30 से ज्यादा एमआरआई सेंटर बंद