पुष्कर (अजमेर). पुष्कर सरोवर में कार्तिक मास की ब्रह्म चतुर्दशी के अवसर पर सोमवार को कस्बे के संत-महंतों ने मंत्रोचार व विधि पूर्वक तीर्थराज पुष्कर सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई तथा जगतपिता ब्रह्मा के सतयुगी तीर्थ को नमन कर देश में सुख शांति एवं खुशहाली की कामना की। पुष्कर का धार्मिक पुष्कर मेला कार्तिक मास के प्रबोधिनी एकादशी से पूर्णिमा तक पंचतीर्थ स्नान चल रहा है। लगातार पांच दिन तक हजारों श्रद्धालु पवित्र पुष्कर सरोवर में आस्था की डुबकी लगाएंगे। देश-विदेश से श्रद्धालुओं का पुष्कर आना निर्बाध जारी है।
कार्तिक मास की ब्रह्म चतुर्दशी पर पवित्र पुष्कर सरोवर में कस्बे के मठ में रहने वाले संतों महंतों ने पुष्कर सरोवर में शाही स्नान की परंपरा का निर्वाह किया। संन्यास आश्रम से सेनभक्ति पीठ के अधिष्ठाता स्वामी अचलानंद के साथ साधु-संतो ने बैंड बाजों के साथ पुष्कर सरोवर के सप्त ऋषि घाट पर आकर पूजा अर्चना की तथा आस्था की डुबकी लगाई। इससे पूर्व राम रमैया आश्रम के संत प्रेमदास ने राज बोहरा घाट पर पुष्कर का पूजन किया। यहां पर अरुण पाराशर ने संतों को शाल ओढ़ाकर सम्मान किया। यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है। एक ओर जहां लाखों श्रद्धालु नमन पूजन स्नान करने के लिए आ रहे हैं वहीं कस्बे के मंदिरों में रहने वाले समस्त संत अपने-अपने स्तर पर पुष्कर सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर शाही स्नान की परंपरा को कायम रखे हुए हैं।
शाही स्नान के बाद देश को शांति अमन का संदेश देते हुए सैन भक्ति के पीठ के स्वामी अचलानंद ने कहा कि पुष्कर नशा मुक्त होना चाहिए। पुष्कर सरोवर में किस प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलाना चाहिए। स्वामी अचलानंद ने राम मंदिर के फैसले पर कहा कि यह बहुत ही उत्तम निर्णय रहा है ना किसी की हार है नहीं किसी की जीत है कि देश हित में किया गया ऐतिहासिक फैसला है उसको सबका सभी को इसका सम्मान करना चाहिए।