अजमेर. अयोध्या सी नगरी एवं लवकुश और माता जानकी-कौशल्या खंड में 2121 आसनों पर सुंदरकांड पाठ करते श्रद्धालुओं से माहौल भक्तिमय हो गया। केसरिया दुपट्टा पहने आसनधारियों के साथ हजारों की संख्या में शहरवासी शामिल हुए। गुजरात के अश्विनी पाठक के 8680 वां सुंदरकांड पाठ के प्रति उत्साह नजर आया।
हरिभाऊ उपाध्याय नगर स्थित दाहरसेन स्मारक के उद्यान में शाम को शुरु हुए सुंदरकांड पाठ में महिलाएं-पुरुष, बुजुर्ग एवं युवा सहभागी बने। हाथ में सुंदरकांड की पुस्तिका लेकर पाठक जी के साथ स्वर मिलाते हुए पाठ किया। सुरेश शर्मा स्मृति, पंडित आत्माराम व्यास जन्म शताब्दी वर्ष समारोह समिति एवं केशव माधव परमार्थ मण्डल, अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पाठ में शहरभर से लोग पहुंचे। पाठक महाराज ने भगवान श्रीराम दरबार की तस्वीर के समक्ष पूजा अर्चना के बाद अपने आसन को प्रणाम किया। मयंक दाधीच व कंवल प्रकाश किशनानी ने पाठक जी का स्वागत किया।
पाठक जी ने कहा कि भक्ति अपनी श्रद्धा और आस्था से होती है ना कि किसी के कहने से। समाज का परिवर्तन विश्व देख रहा है, भक्तों से प्रार्थना करते हुए कहा कि हमारे शास्त्रों में कितनी ताकत है यह बताने के लिए उन्होंने सुंदरकांड और रामायण का उदाहरण देते हुए बताया कि सीता माता ने हनुमान जी को अमरता का वरदान दिया था, इसलिए हनुमान जी आज भी युग में चिरंजीवी है सुंदरकांड जीवन के मूल्य की कथा है। बाद में प्रसाद वितरण किया गया। मोबाइल की टॉर्च से आसनधारियों ने आरती की। ज्ञान सारस्वत, विजय तत्ववेदी, मनोज कुमार सैन, सुरेश माहेश्वरी, शंकर सिंह राठौड़, राजेश आचार्य, पूनीत दाधिच, नटवर पाराशर, सुभाष काबरा, जितेन्द्र सिंह शेखावत आदि ने व्यवस्थाओं को अंजाम दिया।