अजमेर. रमजान का मुबारक महीना शुक्रवार से शुरू हो गया। रोजेदारों ने पहला रोजा रखा। दिनभर इबादतों का दौर चला। शाम को रोजेदारों ने ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में रोजा खोला। जायरीन ने जुमे की नमाज अदा की।रोजेदार अलसुबह सेहरी के लिए उठे। शाम को ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित अहाता-ए-नूर, पायंती दरवाजा, शाहजहांनी मस्जिद, छोटी-बड़ी देग, महफिलखाना, झालरा आदि स्थानों पर रोजेदार बैठे। रोजा अफ्तार के वक्त शाम को 6.48 बजे बड़े पीर की पहाड़ी से तोप दागी गई। तोप की आवाज के साथ रोजा खोला गया। रात को दरगाह सहित विभिन्न मस्जिदों में तरावीह की नमाज हुई। इसमें बड़ी संख्या में रोजेदार शामिल हुए।
रोजा अफ्तारी का दौर
रमजान के महीने में जगह-जगह रोजा अफ्तारी का दौर चलेगा। धार्मिक नगरी अजमेर में रोजा अफ्तार के दौरान कौमी एकता के नजारे देखने को मिलेंगे।
पवित्र होता है रमजान माह
रमजान महीना मुस्लिम धर्मावलंबियों के लिए पवित्र होता है। एक माह तक समाज के लोग रोजे रखते हैं। रोजे की शुरुआत सुबह सूरज निकलने से पहले अजान के साथ होती है। इस समय सहरी होती है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार रमजान माह में सूर्योदय से पहले भोजन किया जाता है। शाम को इफ्तार कर रोजा खोला जाता है।
वक्त सेहरी-अफ्तार
शनिवार – खत्म सेहरी-5.08
रोजा अफ्तार-शाम 6.48