पुष्कर. दीपावली से पूर्व धनतेरस पर पुष्कर (pushkar) के ब्रह्मा मंदिर (brahma temple)स्थित धन के देवता भगवान कुबेर मंदिर के कपाट खोलकर विशेष पूजा-अर्चना की गई। यह पूजा वर्ष में केवल एक बार धनतेरस पर ही की जाती है। कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। पूजा के थोड़ी देर बाद कपाट पुन: बंद कर दिए गए। वैसे कुबेर मंदिर के कपाट लोहे की जालियों से बने हैं। उनके दर्शन रोजाना आसानी से होते हैं लेकिन मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। पुजारी लक्ष्मी वशिष्ठ निवास के अनुसार कुबेर भगवान धनदाता हैं। ब्रह्मा मंदिर परिसर स्थित कुबेर मंदिर के कपाट धनतेरस तिथि को वर्ष में केवल एक बार ही खोलने की परम्परा है।
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अन्तरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में इस बार नवाचार करते हुए मेले का शुभारम्भ सरोवर पूजन के साथ होगा। इसके साथ ही मेला अवधि में अनेक रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि पुष्कर मेले का शुभारम्भ 4 नवम्बर को प्रात: 9 बजे पुष्कर सरोवर पूजन के साथ होगा। इस मौके पर सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए उपस्थित होना है। उन्होंने बताया कि इस बार पुष्कर मेले में अनेक ख्याति प्राप्त नए कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। आमजन को मनोरंजन के साथ किसी प्रकार की कठिनाई ना हो, इसके लिए समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
तीर्थ नगरी पुष्कर का मेला इस बार विशेष आकर्षक होगा। नए सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाएंगे साथ ही मेले में आने वाले श्रद्धालुओं व पशुपालकांे को जिला प्रशासन स्तर पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
मेले में प्रवेश से पूर्व पशुओं की हो जांच
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अजय अरोड़ा ने मेला मैदान में पशुओं के लिए पानी, बिजली, सफाई की पर्याप्त व्यवस्था करने पर जोर दिया। कलक्टर शर्मा ने मेला मैदान में आने से पूर्व केम्प लगाकर पशुआंे की ग्लेण्डर व अन्य बीमारियों की जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि मेले में पशुओं में बीमारीं नहीं फैले।