अजमेर. कोहरे की चादर बुधवार को अजमेर पर मंडराती दिखी। सूरज कोहरे और बादलों में खोया रहा। कड़ाके की ठंड से ठिठुरन बढ़ गई। गलन और सीलन से लोगों को घरों में भी चैन नहीं मिला। सुबह दृश्यता 90 से 100 मीटर के आसपास रही।
अलभोर से शहर कोहरे की चादर में लिपटा रहा। पहाड़ भी नजर नहीं आए। पेड़-पौधों, वाहनों और जमीन पर ओस छाई रही। सुबह 9.30 बजे बाद में कोहरा कुछ कम हुआ तो राहत मिली। करीब 11.45 बजे सूरज ने बादलों की ओट से झांका। वैशाली नगर, शास्त्री नगर, कायड़ रोड, गुलाबबाड़ी, आदर्शनगर, केसरगंज और अन्य इलाकों में लोग सड़कों के किनारे और दुकानों के आसपास सूखी पत्तियों और लकडिय़ों से अलाव जलाकर सर्दी से राहत पाते दिखे। घरों में लोगों ने रूम हीटर और सिगड़ी जलाकर राहत पाई।
सियालो खाटू भलो ऊन्हालो अजमेर…
अरावली की पहाडिय़ों से घिरा अजमेर प्राचीनकाल से खूबसूरत है। राजस्थान में कहावत भी है…सियालो खाटू भलो, ऊन्हालो अजमेर, नागौर नित रो भलो, सावण बीकानेर…..। अजमेर में सर्दी, गर्मी और बरसात में मौसम का नजारा दिलकश होता है।