महिलाओं ने अपने स्वयं के पैसे से पोषाहार बनाया था और इसके भुगतान के लिए चक्कर काट रही हैं। आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस बार 47 लाख बजट भी आ गया लेकिन विभागीय अधिकारी व बाबूओं की मिली भगत के चलते इस बार भी बजट को लैप्स कर दिया और वापस भेज दिया। जबकि कार्यकर्ताएं पिछले काफी समय से बजट का इंतजार कर रही हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत महिलाएं कतार बद्ध होकर नारे लगाते हुए शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए सचिवालय पहुंची। अधिक संख्या में कार्यकर्ताओं को देखकर मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया और महिलाओं को सचिवालय के अंदर प्रवेश नहीं दिया गया। इस पर महिला कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ झड़प भी हुई।
जिलाध्यक्ष लतेश शर्मा ने आरोप लगाया कि 22 मार्च को पोषाहार का 47 लाख का बजट आया था और 25 मार्च को बाबू ने वापस भेज दिया। यह विभागीय अधिकारियों की ही लापरवाही है।