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किसानों ने आंदोलन तेज करने की बनाई रणनीति, गांव-गांव समिति गठित कर कलक्ट्रेट पर घेराव की करेंगे तैयारी

बोरिंग खुदाई के विरोध में सिलीसेढ़ तिराहे पर झील बचाओ किसान बचाओ संघर्ष समिति का 15वें दिन भी रहा धरना

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अकबरपुर. झील बचाओ किसान बचाओ संघर्ष समिति का बोरिंग खुदाई के विरोध में सिलीसेढ़ तिराहे पर धरना 15वें दिन भी जारी रहा। गुरुवार को धरना स्थल पर रामजीलाल बैसला की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान निर्णय किया कि गांव-गांव जाकर समिति गठित की जाएगी। उसके बाद धरना स्थल पर कलक्टर का घेराव करने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाएगा और अल्टीमेटम देकर तारीख तय की जाएगी।

बैठक के दौरान धरनार्थियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन किसानों की सुध नहीं ले रहा है। पूर्व प्रधान जाकिर खान ने कहा कि धरने को 15 दिन हो गए। इसके बावजूद सरकार या प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि किसान संघर्ष समिति से बात करने के लिए राजी नहीं है। वे यह सोचते हैं कि किसान एक बिखरा हुआ समाज है। किसानों की बात को गंभीरता से नहीं ले रहे। विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि भी बेफिक्र हैं। उनसे भी अनुरोध करना चाहेंगे कि वे किसानों मांग सरकार के सामने रखे। पता चला है कि यहां पर 35 बोर नहीं 100 बोर लगाने की मंशा है। इससे यह तय है कि प्रशासन व सरकार की इस इलाके को पूरी तरह बंजर बनाने की मंशा है। पूर्व सरपंच सुरेंद्र भारती ने कहा कि किसान चाहते हैं कि सिलीसेढ़ में बोरिंग नहीं लगाए जाए। साहोडी, धवाला, अकबरपुर, नटनी का बारा तक अगर 100 बोर लग गए तो यह पूरा क्षेत्र वीरान हो जाएगा। कार्यकारिणी ने यह निर्णय किया कि गांव-गांव में समितियां बना फिर एक तारीख निश्चित कर सर्वसम्मति से निर्णय लेकर जिला प्रशासन को अल्टीमेटम देकर कलक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा। किसी भी सूरत में यहां बोर नहीं लगने दिया जाएगा। इस मौके पर प्रेम पटेल, कृष्ण दायमा, अर्जन घांघल, पूर्व प्रधान जाकिर खान, पूर्व सरपंच सुरेंद्र भारती, निहाल, सीताराम, रामकुमार, दाताराम, फूलचंद, भूपत बालियान, लालाराम, जगदीश, पप्पूराम, पूर्ण, ओमप्रकाश, नंदराम, शिवराज सहित कई मौजूद रहे।