गुणवत्तापूर्ण नींद को अच्छी सेहत की कुंजी माना गया है। इसके विपरीत अनिद्रा से तनाव व अवसाद के रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार जिला अस्पताल के मनोरोग विभाग में प्रतिदिन करीब 150 से 200 मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं। इसमें से करीब 90 प्रतिशत रोगी अनिद्रा से पीडि़त हैं। वहीं, मनोरोगों की शुरूआती कारण भी अनिद्रा को ही माना गया है।
अनिद्रा के रोगियों में युवाओं की संख्या अधिक
अनिद्रा के रोगियों में 25 से 45 आयु वर्ग के युवाओं की संख्या सर्वाधिक है। इसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों शामिल हैं। इसके साथ ही महिला व पुरुष रोगियों की संख्या लगभग समान है। वहीं, युवाओं में अनिद्रा का एक बड़ा कारण अनियमित दिनचर्या और एंड्राइड मोबाइल का अधिक इस्तेमाल सामने आ रहा है।
अच्छी सेहत के लिए गुणवत्तापूर्ण नींद जरूरी:
विशेषज्ञों के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए 6 से 8 घंटे और नवजात शिशु के लिए 10 से 12 घंटे की नींद जरूरी है। वहीं, अनिद्रा की िस्थति में उबासी आना, चिड़चिड़ापन, बैचेनी, मन में उदासी, काम में मन नहीं लगना, याददास्त कम होना, सिर में दर्द रहना व मांस पेशियों में दर्द रहने से काम की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। इसके साथ ही चिड़चिड़ापन के कारण आपसी संबंध भी खराब हो रहे हैं।
अनिद्रा से बचाव के लिए ये उपाय अपनाएं
– एंड्रायड फोन व लैपटॉप आदि के अधिक इस्तेमाल से बचें।
– सर्दियों में 20 से 25 और गर्मियों में कमरे का तापमान 16 से 20 डिग्री रखें।
-सोते समय कमरे की लाइट बंद रखें और किसी भी तरीके के शोर-शराबे से बचें।
-सोने से 15-20 मिनट पहले सांसों पर ध्यान लगाकर मेडिटेशन करें।
-बिस्तर पर जाने से पहले गुनगुने पानी से स्नान करें अथवा हाथ-मुंह धोएं।
– रात 9 से साढे़ दस बजे तक सही समय पर विचारों से दिमाग को खाली कर सोएं।
– व्यायाम के लिए समय निकालें और अगले दिन के कार्य डायरी में नोट करें।
– अनिद्रा से बचने के लिए भूल कर भी एल्कोहल का इस्तेमाल नहीं करें।
एक्सपर्ट व्यू:
मनोरोगों की शुरूआत अनिद्रा से ही होती है। इसका मुख्य कारण अनियमित दिनचर्या और एंड्राइड मोबाइल का इस्तेमाल सामने आ रहा है। ऐसे में इनके अधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए।
डॉ. नरेन्द्र सिंडोलिया, वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ, सामान्य अस्पताल