अकबरपुर के पास सरिस्का बाघ परियोजना में इन दिनों सर्दियों के चलते प्रवासी पक्षियों का आना प्रारंभ हो गया है। सरिस्का स्थित जलाशयों में डेरा डालने लगे हैं। जलाशयों में विदेशी पक्षियों का झुंड स्व‘छंद विचरण करते, पानी में अठखेलिया करते दिखाई दे रहे हैं।
सर्दियों में हर वर्ष प्रवासी पङ्क्षरदे हजारों किलोमीटर हिमालय की ऊंची चोटियों को पार कर उड़ान भरकर विदेश से ये मेहमान आते हैं और सरिस्का के जलाशय विदेशी मेहमानों को काफी रास आते हैं। सर्दियों के समय प्रवासी पक्षियों के लिए सरिस्का के जलाशयों में वातावरण उनके अनुकूल रहता है और प्रवासी पक्षी कुछ महीने रुक कर वापस अपने वतन को लौट जाते हैं। जिसमें कई विदेशी प्रजाति के पक्षी हर वर्ष करना का वास और सिलीसेढ व अन्य और भी जलाशयों में आकर ठहरते हैं।
जिसमें इन दिनों सरिस्का जंगल स्थित करना का वास जलाशय में विदेशी पक्षियों का झुंड पानी में अठखेलियां करते बड़ी मात्रा में दिख रहे हैं। जहां सरिस्का के हनुमान सागर क्रासका सिलीसेढ झील और अन्य जलाशयों में आते हैं। पर्यटक विदेशी पक्षियों को देखकर काफी खुश नजर होते हैं। सरिस्का डीएफओ डीपी जगावत ने बताया कि सर्दी के चलते सरिस्का जलाशयों में विदेशी पक्षी बड़ी मात्रा में आ रहे हैं और कई महीने रुक कर वापस अपने वतन लौट जाते हैं और हर वर्ष बड़ी मात्रा में आते हैं।