सरिस्का में पांडुपोल हनुमान जी मंदिर जाने वाले दर्शनार्थियों के लिए मंगलवार को इलेक्ट्रिक बस का परीक्षण किया गया। टाइगर रिजर्व में पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू की गई है। यह पहल न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे पर्यटकों को वन्यजीवों को देखने का एक शांत और प्रदूषण-मुक्त अनुभव मिलेगा। सरिस्का प्रशासन के अनुसार, इलेक्ट्रिक बसें पूरी तरह से बैटरी से संचालित हैं, जो डीजल या पेट्रोल वाहनों की तुलना में न केवल वायु प्रदूषण को कम करेंगी, बल्कि शोर प्रदूषण में भी भारी कमी लाएंगी। इसके अलावा, इन बसों का संचालन और रखरखाव पारंपरिक वाहनों की तुलना में अधिक किफायती होगा।
यह बस इलेक्ट्रिक बस है जो वातानुकूलित मिनी बस है। उप वन संरक्षक अभिमन्यु सहारण ने इसका भौतिक निरीक्षण किया और इसे सरिस्का से पाण्डूपोल तक सफलतापूर्वक चलाया, जो संतोषजनक रहा। एक बार चार्ज होने पर यह बस 60-70 किलोमीटर तक चल सकती है।