अलवर जिले की एकमात्र बारह मास बहने वाली प्राकृतिक गंगा के स्वरूप रूपारेल नदी का बारिश जल जयसमंद बांध तक पहुंचाने के लिए अलवर उपखंड प्रशासन ने अभी से कमर कस ली। इसके लिए मानसून से पहले ही जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता के निर्देश पर उपखंड अधिकारी अलवर प्रतीक चंद्रशेखर जूईकर के निर्देशन में चैनल की खुदाई का कार्य बुधवार से शुरू कर दिया गया। रियासत कालीन प्राकृतिक रूपारेल नदी का पानी नटनी का बारा बियर से बिना रुकावट के जयसमंद बांध में पहुंचे इसके लिए उपखंड अधिकारी अलवर प्रतीक चंद्रशेखर जूईकर ने बताया इस बार बारिश का पूरा पानी जयसमंद बांध तक पहुंचे और भूजल स्तर बढ़े इसके लिए रूपारेल नदी के चैनल की खुदाई शुरू कर दी गई है। जेसीबी से चैनल की खुदाई की जा रही है। जहां राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार चैनल की लंबाई चौड़ाई की पैमाइश कर उसके बीच में हो रहे अतिक्रमण को तुरंत प्रभाव से पानी के बहाव के सभी अवरोधक हटाने के निर्देश टीम को दे दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा चैनल खुदाई के दौरान पक्षपात करने और कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले को किसी भी सूरत में बक्सा नहीं जाएगा। पिछले 10 वर्ष के अंतराल में पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह तथा विधायक टीकाराम जूली ने संसद में विधायक निधि से 25 लाख रुपए चैनल की खुदाई के लिए स्वीकृत किए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से साढे 4 करोड़ रुपए स्वीकृत करवाकर नहर के चैनल की खुदाई को कराया। वहीं कैबिनेट मंत्री रहते हुए टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री से ढाई करोड रुपए 2023 में चैनल की खुदाई के लिए राशि स्वीकृत हुई । वही 2 वर्ष पूर्व अलवर के तत्कालीन जिला कलेक्टर डॉक्टर जितेंद्र सोनी ने रूपारेल का पानी जयसमंद बांध तक पहुंचे इसके लिए तीन किस्तों में राशि आवंटित कर चैनल की खुदाई कराई।