6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अंबिकापुर

सावन महीने में भी प्यासा है बांकी जलाशय, तीखी धूप ने बढ़ाई शहरवासियों की चिंता- देखें वीडियो

गत वर्षों में सावन के महीने में झमाझम बारिश से सरगुजा तरबतर रहता था, वहीं इस वर्ष लोगों को पीने के पानी की उपलब्धता के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। सावन के महीने में घने बादलों व मूसलाधार बारिश की बजाय जेठ-बैशाख की तरह तीखी धूप ने लोगों को चिंता में डाल दिया है।

Google source verification

अंबिकापुर। गत वर्षों में सावन के महीने में झमाझम बारिश से सरगुजा तरबतर रहता था, वहीं इस वर्ष लोगों को पीने के पानी की उपलब्धता के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। सावन के महीने में घने बादलों व मूसलाधार बारिश की बजाय जेठ-बैशाख की तरह तीखी धूप ने लोगों को चिंता में डाल दिया है।

पिछले दो वर्षों से औसत से कम बारिश होने और भीषण गर्मी के कारण शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लिए लाइफ लाइन माने जाने वाला बांकी डेम सूखने की स्थिति में है। बांकी डेम की स्थिति काफी चिंताजनक है। सावन के महीने में बांकी डेम लबालब भरा रहता था पर इस वर्ष शहर के लोगों को प्यास बुझाने लायक भी नहीं बचा है। बांकी डेम में पानी कम हो जाने के कारण शहर में पानी की सप्लाई प्रभावित हो चुकी है। नगर निगम मात्र सुबह के पाली में ही पानी की सप्लाई कर पा रहा है। इससे सावन के महीने में भी अंबिकापुर के लोगों को पीने के पानी की समस्या से जुझना पड़ रहा है। शायद शहर के इतिहास में पहली बार ऐसी स्थिति निर्मित हुई है।


पिछले दो वर्षों से औसत से हुई कम बारिश व भीषण गर्मी के कारण बांकी डेम सूखने की कगार पर आ गया है। बांकी डेम के पहली बार सूखने से जल संकट उत्पन्न होने की संभावना है। इस वर्ष अंबिकापुर में जून व २४ जुलाई तक कुल 226.9 मिमी वर्षा हुई है, जो कि औसत से काफी कम है। यही स्थिति पिछले वर्ष भी लगभग थी। लगातार औसत से कम बारिश होने के कारण बांकी डेम सूखने की स्थिति में है। इसलिए नगर निगम क्षेत्र में पानी की सप्लाई प्रभवित हो चुकी है। अगर बारिश नहीं होती है तो बांकी डेम पूरी तरह सूख सकता है। इससे शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी की सप्लाई रुक जाएगी और पानी को लेकर हाहाकार मच सकता है।

लोगों का मानना है कि पहली बार ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। इससे पूर्व अब तक बांकी डेम कभी नहीं सूखा था। जून-जुलाई के महीनों में बांकी डेम लबालब भरा रहता था, खतरे के निशान तक पानी पहुंच जाता था पर इस वर्ष सूखने की स्थिति में आ गई है। बांकी डेम से ही शहर के अधिकांश वार्डों में पानी की सप्लाई होती है। बांकी डेम का पानी सूख जाने से पानी की सप्लाई भी घट चुकी है। नगर निगम मात्र सुबह के ही पाली में पानी की सप्लाई कर पा रहा है, लेकिन एक टाइम में भी लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है।

पेयजल को लेकर वार्डों में शुरू हुई परेशानी
बांकी डेम से ही अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र के अधिकांश वार्डों में पानी की सप्लाई की जाती है। सावन के महीने में जहां बांकी डेम लबालब भरा रहता था आज खुद ही प्यासा है। बांकी डेम में पानी नहीं होने से शहर की पानी सप्लाई प्रभावित हो चुकी है। निगम मात्र सुबह के पानी में ही पानी की सप्लाई कर पा रहा है, वह भी मात्र ५ से १० मिनट ही पानी लोगों को मिल पा रहा है। लोगों को पानी नहीं मिलने से परेशानी बढ़ गई है। वहीं कई वार्डों में टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन इसके लिए लोगों को काफी इंतजार करना पड़ रहा है। कई लोगों को इंतजार के बाद भी एक बाल्टी भी पानी नहीं मिल पाया। इससे लोगों के बीच पानी को लेकर काफी परेशानी बढ़ गई है।

विपक्षी पार्षदों ने की सामान्य सभा बुलाने की मांग
निगम क्षेत्र में पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसे देखते हुए विपक्षी पार्षदों ने नगर निगम के सभापति को पत्र लिखकर समान्य सभा बुलाने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज ने पत्र के माध्यम से सभापति को अवगत कराया है कि सामान्य सभा की बैठक हुए ४ महीने बीत चुके हैं।

लेकिन अभी तक सामान्य सभा की बैठक नहीं बुलाई गई है। वर्तमान में पूरे शहर में पेयजल की ज्वलंत एवं गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। दस पर चर्चा आवश्यक हो गई है। नेता प्रतिपक्ष ने नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा ३० के अंतर्गत आवश्यक बैठक बुलाने की मांग सभापति से की है।

अमृत मिशन का डीपीआर के अनुरूप काम नहीं होने का आरोप
भाजपा पार्षद मधुसुधन शुक्ला ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में पानी की सप्लाई नहीं होने से हाहाकर मचा हुआ है। अमृत मिशन के तहत कुछ क्षेत्रों में पानी की सप्लाई हो रही है। वहीं निगम द्वारा मात्र सुबह के पानी में पानी दिया जा रहा है। वह भी मात्र ५-१० मिनट ही पानी की सप्लाई हो पा रही है, वह भी पानी का फ्लो काफी कम है, इसलिए लोगों कोआवश्यकता अनुसार पानी नहीं मिल पा रहा है।

वहीं उन्होंने कहा कि १०६ करोड़ की लागत से जीवन दायिनी अमृत मिशन का काम अगर नगर निगम द्वारा डीपीआर के अनुरूप कराया जाता तो आज शहर के लोगों को पानी की समस्या से नहीं जूझना पड़ता। उन्होंने कहा कि पूर्व में तकिया से १ करोड़ ६० लाख लीटर पानी की सप्लाई होती थी जो पूरे शहर के लिए पर्याप्त था। लेकिन अमृत मिशन के तहत १ करोड़ ४० लाख पानी की सप्लाई का क्षमता है। अगर इसका निर्माण डीपीआर के अनुरूप होता तो १ करोड़ ४० लाख लीटर पानी शहर के लोगों के लिए पर्याप्त था।

इधर नहर के फाटक में जमे सिल्ट को हटाने का कार्य प्रारंभ
बांकी जलाशय में जल स्तर की चिंताजनक स्थिति देखते हुए रविवार को उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने आवश्यक कार्य जल्द प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देशानुसार सोमवार को बांकी जलाशय के नहर के फाटक में जमे सिल्ट को हटाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। निगम में जल विभाग के प्रभारी द्वितेंद्र मिश्रा ने स्वयं के पोकलेन मशीन को इस काम में लगाया है। जलाशय में नहर की गेट पर करीब डेढ़ मीटर गहराई तक सिल्ट मौजूद है।

बड़ी खबरें

View All

अंबिकापुर

छत्तीसगढ़