अंबिकापुर। सूर्य उपासना के महापर्व छठ के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देने के लिए श्रद्धालुओं का जन सैलाब कन्हर नदी में उमड़ पड़ा। राम मंदिर घाट एवं शिव मंदिर घाट सहित नगर के अन्य घाटों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा छठ व्रत किया गया। इस वर्ष नगर में छठ पर्व की अद्भुत रौनक देखी गई। नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि छठ घाट माथा टेकने पहुचे।
चार दिन तक चलने वाले सूर्य उपासना के महापर्व छठ में पूरा नगर भगवान भास्कर की आराधना में लीन नजर आया। परंपरागत रूप से छठ गीत गाते छठ व्रती बड़ी संख्या में छठ घाट अस्तचलगामी सूर्य को अघ्र्य देने पहुंचे। कन्हर नदी में इस वर्ष प्राकृतिक रूप से व्रत करने वाले लोगों को पर्याप्त जगह छठ व्रत करने के लिए मिला। स्वच्छ रूप से कल-कल बहते पानी एवं रेत ने व्रतियों का उत्साह दुगना कर दिया। नगर पंचायत, दुर्गा पूजा संघ पीपल चौक सहित अन्य छठ पूजन समितियों द्वारा छठ व्रत में उमडऩे वाले जन सैलाब के मद्देनजर व्यापक स्तर में व्यवस्था की गई थी।
इस वर्ष लाइटिंग की बेहतरीन व्यवस्था के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाएं भी की गई थीं। बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय नागरिकों द्वारा छठ उपयोगी सामग्री का वितरण किया गया। छठ व्रत को लेकर श्रद्धालुओं की ऐसी भीड़ उमड़ी कि गांधी चौक से राम मंदिर तक जाम की स्थिति निर्मित हो गई थी।
बड़ी संख्या में पुलिस के जवान की भी ड्यूटी चप्पे-चप्पे पर लगाई गई थी। वहीं चुनाव ड्यूटी करने आए सीआरपीएफ के जवानों द्वारा भी स्वेच्छा से छठ व्रत में ड्यूटी की गई। नगर में वर्षों से छठ व्रत विशेष धूमधाम से होता है। यहां के छठ व्रत को देखने, करने बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से लोग आते हैं। वहीं इस वर्ष भी बड़ी संख्या में लोग छठ व्रत करने एवं देखने यहां पहुंचे थे।
सात घोड़े पर सवार भगवान सूर्य की मूर्ति रही आकर्षण का केंद्र
कन्हर नदी में सात घोड़े पर सवार रखी गई सूर्य भगवान की मूर्ति श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रही। वहीं शिव मंदिर घाट में भी स्थानीय छठ पूजन समिति के द्वारा सात घोड़े पर सवार सूर्य भगवान की मूर्ति रखी गई थी। शिव मंदिर घाट में देवी जागरण का भी आयोजन समिति द्वारा किया गया। कन्हर नदी के कल-कल बहते पानी के एक ओर छत्तीसगढ़ तो दूसरी ओर झारखंड के लोगों द्वारा छठ व्रत किया गया था जिसकी रौनक देखते बन रही थी। छठ गीत से दोनों प्रदेश गुलजार हो रहे थे