अशोकनगर। आपने कई बार सुना होगा कि बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार कई योजनाएं निकाल रही है। इतना ही नहीं टीचर्स के बच्चों के घरों में पहुंच कर उन्हें स्कूल भेजने की बात करने की बात तक आम हो चली है। लेकिन क्या आपने कभी आपने सुना है कि टीचर्स की कमी को लेकर बच्चे सड़क पर उतर आएं नहीं न लेकिन ऐसा ही एक मामला अशोक नगर से सामने आया है। जहां बच्चों ने शिक्षकों को स्कूल बुलाने के लिए कलेक्टर तक का घेर लिया। यह मामला जिले के गहोरा गांव के माध्यमिक विद्यालय का है।
इस दौरान छात्र कलेक्टर का वाहन रोक सड़क पर बैठ गए। साथ ही शिक्षकों के स्कूल न आने पर छात्रों ने कलेक्टर के वाहन के आगे बैठकर एक घंटे तक मौन प्रदर्शन किया। और कारण पूछने पर भी कुछ नहीं बताया।
बच्चों की इस हरकत की जानकारी जैसे ही डीईओ को लगी वे तुरत फुरत में वहां पहुंच गए। डीईओ ने बच्चों से लाख मिन्नत की और सात दिन का समय मांगा। डीईओ ने यहां तक कह दिया कि यदि व्यवस्था नहीं सुधार पाया तो मैं खुद शासन को लिखकर दूंगा कि मैं इस पद लायक नहीं हूं।
डीईओ की बात सुनकर छात्रों गांव वापस जाने लगे और ट्राली में बैठ गए। लेकिन जैसे ही कलेक्टर की गाड़ी जाने को हुई तो छात्र पुन:ट्राली से कूदकर उनकी गाड़ी के आगे खड़े हो गए, जीप रुकी तो छात्र सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।
ये हुई कार्रवाई…
इस पर कलेक्टर डॉ. मंजू शर्मा ने छात्रों से कारण पूछा और डीईओ को शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए, साथ ही बीईओ, बीआरसी और सीईसी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। ताकि जल्दी ही शिक्षा व्यवस्था में सुधार आ सके और उन्हें अपने स्कूल मेें बेहतर शिक्षा मिल सके, साथ ही शिक्षिका प्रियंका श्रीवास्तव व ज्योति कोरी को निलंबित कर दिया।